प्रयागराज: मीडिया से बयानबाजी में खुली पोल, अली अहमद की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी पर गिरी गाज; जानें पूरा मामला

अतीक अहमद के बेटे अली अहमद की झांसी जेल शिफ्टिंग के दौरान सुरक्षा चूक सामने आई है। इस पर इंस्पेक्टर अशोक कुमार को निलंबित कर विभागीय जांच शुरू की गई है। जेल शिफ्टिंग और मीडिया से बातचीत को लेकर प्रशासन सख्त कदम उठा रहा है।

Updated : 11 October 2025, 4:41 PM IST
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Prayagraj: माफिया अतीक अहमद के बेटे अली अहमद को नैनी सेंट्रल जेल से झांसी जेल शिफ्ट किया गया है। इस दौरान हुई सुरक्षा चूक को लेकर प्रशासन ने सख्त कदम उठाते हुए सुरक्षा में तैनात इंस्पेक्टर अशोक कुमार को सस्पेंड कर दिया है। इसके अलावा उनके खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है।

अली अहमद के झांसी जेल शिफ्टिंग के दौरान सुरक्षा टीम का नेतृत्व इंस्पेक्टर अशोक कुमार कर रहे थे। हालांकि, शिफ्टिंग प्रक्रिया में हुई चूक ने सवाल खड़े कर दिए। अली की सुरक्षा में ये चूक इतनी गंभीर मानी गई कि एडिशनल पुलिस कमिश्नर (एसीपी) डॉक्टर अजय पाल शर्मा ने इस मामले में तुरंत कार्रवाई की पुष्टि की।

अली अहमद के खिलाफ गंभीर आरोप, जेल में बंद

अली अहमद पर पांच करोड़ की रंगदारी वसूलने और उमेश पाल हत्याकांड में साजिश रचने के गंभीर मामले दर्ज हैं। इन मामलों में वह पहले फरार था, लेकिन 30 जुलाई 2022 को प्रयागराज कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। तब से वह नैनी सेंट्रल जेल में बंद था। हाल ही में 1 अक्टूबर को उसे कड़ी सुरक्षा के बीच झांसी जेल शिफ्ट किया गया।

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सुरक्षा चूक के कारण हुई सस्पेंसन

जेल शिफ्टिंग के दौरान अली अहमद ने मीडिया के सामने बयान दिया था, जो सुरक्षा में बड़ी चूक माना गया। अली ने कहा था, "मेरा अल्लाह जानता है कि यहां सुरक्षित रहेंगे कि नहीं, सीएम योगी से यही कहना है कि जो होना था वो हो गया, हमें बचा लीजिए, मुझे बेवजह अब और ना सताया जाए।" ऐसे बयान सुरक्षा व्यवस्था में ढील दिखाने वाले माने गए।

Ali Ahmad

अली अहमद की सुरक्षा में चूक, इंस्पेक्टर सस्पेंड

साथ ही, अली की झांसी जेल पहुंचने के बाद जेल परिसर के अंदर मोबाइल कैमरे से रिकॉर्ड की गई वीडियो फुटेज भी सामने आई, जो जेल नियमों के खिलाफ है। जेल के नियमों के अनुसार जेल परिसर में मोबाइल फोन लेकर जाना सख्त मना है। यह वीडियो इस बात को दर्शाता है कि सुरक्षा प्रोटोकॉल का उल्लंघन हुआ है।

अली अहमद के परिवार के करीबी जेल में मुलाकात करते रहे

सूत्रों के मुताबिक, अली अहमद के छोटे भाई अबान ने 90 दिन में नौ बार उनसे जेल में मिलने का प्रयास किया। इस बात से भी यह सवाल उठता है कि परिवार के करीबी के संपर्क में रहते हुए सुरक्षा व्यवस्था कितनी प्रभावी रही।

सुरक्षा व्यवस्था पर हो रही समीक्षा, आगे की जांच जारी

इस घटना के बाद प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा शुरू कर दी है। अली की सुरक्षा में तैनात अन्य पुलिसकर्मियों के भी बयान लिए जाने की संभावना है। विभागीय जांच के तहत यह पता लगाया जाएगा कि शिफ्टिंग के दौरान सुरक्षा चूक कैसे हुई और किसके निर्देशों या लापरवाही से यह स्थिति बनी।

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एसीपी अजय पाल शर्मा ने कहा, "सुरक्षा में किसी भी प्रकार की चूक बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जांच पूरी होने के बाद कार्रवाई को अंतिम रूप दिया जाएगा।"

अली अहमद की जेल शिफ्टिंग के बाद की घटनाएं

अली अहमद के झांसी जेल पहुंचने के बाद उनकी अंदर की कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुईं, जिससे जेल अधिकारियों की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खुल गई। अली अहमद की जेल शिफ्टिंग के दौरान हुई सुरक्षा चूक और उसके बाद हुई कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि प्रशासन सुरक्षा में किसी भी तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करेगा।

जेल शिफ्टिंग के दौरान मीडिया से की गई बयानबाजी से भी सुरक्षा प्रोटोकॉल की गंभीरता पर सवाल उठे हैं।

Location : 
  • Prayagraj

Published : 
  • 11 October 2025, 4:41 PM IST