

अपराधियों के खिलाफ चलाए जा रहे पुलिस के विशेष अभियान “ऑपरेशन कनविक्शन” ने एक और बड़ी सफलता हासिल की है। वर्ष 2018 में थाना कैंट पर दर्ज डकैती की योजना बनाने के मामले में अभियुक्त मोहम्मद सरफराज अहमद उर्फ गोलू को जिला न्यायालय ने सजा का एलान कर दिया।
गोरखपुर कोर्ट
Gorakhpur: जनपद गोरखपुर में अपराधियों के खिलाफ चलाए जा रहे पुलिस के विशेष अभियान “ऑपरेशन कनविक्शन” ने एक और बड़ी सफलता हासिल की है। वर्ष 2018 में थाना कैंट पर दर्ज डकैती की योजना बनाने के मामले में अभियुक्त मोहम्मद सरफराज अहमद उर्फ गोलू को माननीय जिला एवं सत्र न्यायालय, गोरखपुर ने दोषी करार देते हुए सात वर्ष के सश्रम कारावास और 10,000 रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। यह फैसला पुलिस की प्रभावी पैरवी और मजबूत कानूनी कार्रवाई का परिणाम है, जिसने अपराधियों में खौफ पैदा कर दिया है।
मामला वर्ष 2018 का है, जब थाना कैंट में मुकदमा संख्या 134/2018 के तहत धारा 399 और 402 भादवि (भारतीय दंड संहिता) के अंतर्गत मोहम्मद सरफराज अहमद उर्फ गोलू, पुत्र शमीउल्लाह अंसारी, निवासी तुर्कमानपुर, थाना राजघाट, जनपद गोरखपुर के खिलाफ डकैती की साजिश रचने का अभियोग दर्ज किया गया था। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अभियुक्त को गिरफ्तार किया और मामले की गहन जांच शुरू की। जांच के दौरान पर्याप्त साक्ष्य जुटाए गए, जिसके आधार पर मामला न्यायालय में पेश किया गया।
पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश के निर्देश पर चल रहे “ऑपरेशन कनविक्शन” के तहत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, गोरखपुर के कुशल नेतृत्व में विवेचक उपनिरीक्षक मृत्युंजय पाण्डेय, थाना कैंट के पैरोकार और मॉनिटरिंग सेल ने मामले में प्रभावी पैरवी की। उनकी मेहनत और लगन से माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश, गोरखपुर ने अभियुक्त को दोषी ठहराते हुए कठोर सजा सुनाई। इस मामले में डीजीसी (क्रिमिनल) प्रियनंद सिंह और एडीजीसी जयनाथ यादव की भूमिका भी सराहनीय रही, जिनके कानूनी मार्गदर्शन और पैरवी ने इस दोषसिद्धि को संभव बनाया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राज करन नय्यर ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई जारी रहेगी। “ऑपरेशन कनविक्शन” के तहत पुलिस और अभियोजन विभाग मिलकर अपराधियों को सजा दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह सजा न केवल अपराधी के लिए सबक है, बल्कि समाज में यह संदेश भी देती है कि अपराध का कोई भी रूप बख्शा नहीं जाएगा।
स्थानीय लोगों ने इस फैसले का स्वागत किया है और पुलिस की त्वरित कार्रवाई और न्यायालय के निर्णय को अपराध नियंत्रण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। गोरखपुर पुलिस ने एक बार फिर साबित कर दिया कि अपराधियों के लिए अब कोई सुरक्षित ठिकाना नहीं है।