

उत्तर प्रदेश के इटावा में कथावाचक से मारपीट के मामले पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक बार फिर हमला बोला है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने विपक्ष पर जमकर हमला बोला है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव
इटावा: उत्तर प्रदेश के इटावा में कथावाचक से मारपीट के मामले पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक बार फिर हमला बोला है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस मामले पर कटाक्ष करते हुए कहा कि बीजेपी कुंभ को लेकर झूठ बोल सकती है, मरने वालों की संख्या छिपा सकती है। शंकराचार्य झूठ बोल सकते हैं, उस सरकार में कुछ भी हो सकता है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, इटावा मामले पर अखिलेश ने कहा कि अगर ट्रंप जी को पता चल जाए कि इटावा में ऐसा हुआ है तो ट्रंप उन्हें डांटें नहीं। साथ ही अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी सत्ता में आने तक संविधान का पालन करने की बात करती है, लेकिन सत्ता में आने के बाद कुछ भी नहीं मानती। आज हम छत्रपति शाहू जी महाराज की जयंती मना रहे हैं, आज हम संकल्प लेते हैं कि अपने महापुरुष के बताए रास्ते पर चलकर काम करेंगे। उन्होंने कहा कि आज हमने संविधान मान स्तम्भ दिवस मनाने का फैसला किया है।
"भारतीय जनता पार्टी के लोग जो संविधान की शपथ लेते हैं, उसमें निष्ठा का पूर्ण आभाव दिखाई देता है। जो लोग सोशलिस्टों के खिलाफ हैं, वही सेकुलर लोगों के खिलाफ हैं।"
- माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी pic.twitter.com/GLmSg4iabu
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) June 26, 2025
बीजेपी सत्ता में आने तक संविधान का पालन करने की बात करती है, लेकिन सत्ता में आने के बाद कुछ भी नहीं मानती। ये मैं बनाम हम की लड़ाई है। सपा प्रमुख ने कहा कि भाजपा सत्ता में आने के लिए संविधान का इस्तेमाल करती है और सत्ता में आने तक संविधान का पालन करने की बात करती है लेकिन जैसे ही भाजपा सत्ता में आती है, वह बाबा साहब के रास्ते पर नहीं चलती। वह शपथ भी लेती है लेकिन उसके शपथ लेने से संविधान के प्रति निष्ठा का अभाव दिखता है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव
समाजवाद के विरोधी ये लोग धर्मनिरपेक्षता के भी विरोधी हैं। उन्होंने कहा कि हमारे समाज में व्यक्ति बनाम समाज का बहुत पुराना संघर्ष लंबे समय से चला आ रहा है, यह मैं बनाम हम की लड़ाई है। जो लोग कहते हैं कि मैं कभी स्वीकार नहीं कर सकता, वह अपने स्वार्थ में डूबे रहते हैं, उन्हें समाज से कोई लेना-देना नहीं है, यह स्वार्थी लोग हैं। सदन में हो या सदन के बाहर, सुनने में आता है कि ये लोग इसी तरह के विचार व्यक्त करते हैं और यह समाजवाद और समाजवाद के विरोधी हैं। ऐसे लोग मूल रूप से सांप्रदायिक होते हैं और धर्मनिरपेक्षता के कट्टर विरोधी होते हैं। ये लोग पीडीए के भी विरोधी हैं- अखिलेश यादव अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष होने के लिए बड़ा दिल चाहिए, इसीलिए हृदयहीन लोग इसका विरोध करते हैं। यह सामाजिक समरसता का विरोध करते हैं और इसीलिए ये लोग पीडीए के भी विरोधी हैं। ऐसे व्यक्तिवादी सोच वाले लोग बुद्धिजीवी और वर्चस्ववादी होते हैं और वे हमेशा अपना वर्चस्व बनाए रखने के लिए समाज में लोगों को परेशान और दबाते हैं। पीडीए की राजनीति सकारात्मक है, इसलिए ये नकारात्मक, वर्चस्ववादी लोग इसे कभी स्वीकार नहीं कर सकते, यह पीडीए समाज के अच्छे लोगों को जोड़ता है।
अखिलेश ने कहा कि जो लोग संविधान के खिलाफ हैं, वे आरक्षण के भी खिलाफ हैं और धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद के खिलाफ घुमा-फिराकर बोलते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि संविधान और आरक्षण के खिलाफ सीधे बोलने से उनका वोट बैंक खिसक जाएगा। एनडीए नकारात्मक लोगों का नारा है और पीडीए सकारात्मक लोगों का नारा है। इसके अलावा अखिलेश यादव ने बिहार के पूर्व मंत्री और लालू यादव के बेटे तेज प्रताप यादव के बारे में कहा, मुझे नहीं पता था कि बातचीत इतनी गंभीर हो जाएगी, मेरे पूरे परिवार से अच्छे संबंध हैं, उन्होंने दो बार फोन किया। मुझे लगा कि कोई इमरजेंसी होगी इसलिए मैंने फोन किया, यह वीडियो कॉल थी। हम राजनीतिक लोग हैं, चुनाव के अलावा और क्या सवाल पूछेंगे, फिर मैंने उनसे चुनाव के बारे में पूछा। सपा प्रमुख ने कहा कि भाजपा वहां हारने जा रही है।