कारगिल के जांबाज़ों को सलाम: रायबरेली में वीर नारियों का सम्मान, पीछे छुपी एक सच्ची कहानी!

कारगिल विजय दिवस की 26वीं वर्षगांठ पर रायबरेली का बचत भवन सभागार वीरता, सम्मान और देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत नजर आया। इस अवसर पर जिलाधिकारी हर्षिता माथुर की अध्यक्षता में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें वीर नारियों और कारगिल युद्ध में भाग ले चुके पूर्व सैनिकों को विशेष रूप से सम्मानित किया गया।

Raebareli:  कारगिल विजय दिवस की 26वीं वर्षगांठ पर रायबरेली का बचत भवन सभागार वीरता, सम्मान और देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत नजर आया। इस अवसर पर जिलाधिकारी हर्षिता माथुर की अध्यक्षता में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें वीर नारियों और कारगिल युद्ध में भाग ले चुके पूर्व सैनिकों को विशेष रूप से सम्मानित किया गया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक,  इस कार्यक्रम का आयोजन 7 कुमाऊँ रेजिमेंट और मध्य कमान सेना मुख्यालय, लखनऊ के तत्वावधान में किया गया। कार्यक्रम की खास बात रही मोटर साइकिल रैली, जो मेजर रोहित सेठी के नेतृत्व में लखनऊ से बाराबंकी, सीतापुर, हरदोई होते हुए रायबरेली पहुंची। यह रैली 26 जुलाई को लखनऊ के मध्य कमान स्मृतिका युद्ध स्मारक पर समाप्त होगी।

कार्यक्रम के दौरान वीर नारियों और पूर्व सैनिकों को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस आयोजन में न केवल सम्मान की भावना झलकती है, बल्कि पूर्व सैनिकों की सामाजिक और स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान की दिशा में भी ठोस कदम उठाए गए।

जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास कार्यालय में स्पर्श पेंशन विभाग, ईसीएचएस मेडिकल कैम्प, राजपूत रेजिमेंट, 11 जीआरआरसी, और एएमसी सेंटर द्वारा विशेष कैंप लगाए गए, जहां पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों की पेंशन, स्वास्थ्य और रिकॉर्ड संबंधित समस्याओं का समाधान किया गया। इन कैम्पों में बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक और उनके परिवारजन लाभान्वित हुए।

इस मौके पर अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) सिद्धार्थ, अपर पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार सिंहा, 66 बटालियन एनसीसी के कमान अधिकारी, अन्य जिला स्तरीय अधिकारी और कर्मचारी भी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के अंत में कैप्टन (नौसेना) अतुल्य दयाल, जो रायबरेली के जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास अधिकारी हैं, ने सभी गणमान्य अतिथियों और उपस्थितजनों का धन्यवाद ज्ञापित किया।

यह आयोजन केवल एक औपचारिकता नहीं था, बल्कि देश के लिए बलिदान देने वाले उन सैनिकों और उनके परिजनों को यह संदेश देने का अवसर था कि देश उन्हें भूला नहीं है। यह समारोह वीरता की अमर गाथा का एक छोटा लेकिन महत्वपूर्ण दस्तावेज बन गया।

Location : 
  • Raebareli

Published : 
  • 25 July 2025, 5:44 PM IST