

बाराबंकी जिले के मसौली थाना क्षेत्र में एक गंभीर सड़क दुर्घटना ने सबको चौंका दिया। बड़ागांव के हनुमान मंदिर के पास सोमवार को दो मोटरसाइकिलों की आमने-सामने भीषण टक्कर हो गई, जिसमें चार युवक गंभीर रूप से घायल हो गए।
बाराबंकी में दो बाईको की भयंकर टक्कर
Barabanki: बाराबंकी जिले के मसौली थाना क्षेत्र में एक गंभीर सड़क दुर्घटना ने सबको चौंका दिया। बड़ागांव के हनुमान मंदिर के पास सोमवार को दो मोटरसाइकिलों की आमने-सामने भीषण टक्कर हो गई, जिसमें चार युवक गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना के बाद मौके पर अफरातफरी का माहौल बन गया और घायलों को आनन-फानन में ट्रॉमा सेंटर रेफर करना पड़ा।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, घटना मसौली थाना क्षेत्र के बांसा-बड़ागांव मार्ग पर स्थित प्रसिद्ध हनुमान मंदिर के निकट हुई। जानकारी के अनुसार, सफदरगंज थाना क्षेत्र के ग्राम कुड़ी निवासी 35 वर्षीय अंकित पुत्र सुभाष अपनी बाइक से ब्लड सैंपल कलेक्शन कर बड़ागांव की एक पैथोलॉजी जा रहा था। उसी दौरान सामने से आ रही एक बाइक पर सवार तीन लोगों से उसकी जोरदार टक्कर हो गई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि दोनों बाइकों के परखच्चे उड़ गए और सभी सवार सड़क पर गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गए।
घायलों में ग्राम बांसा निवासी 25 वर्षीय रंजीत पुत्र बाले, 24 वर्षीय विनय मौर्य पुत्र ईश्वरदीन, और करन पुत्र सुरेश शामिल हैं। सभी को तत्काल मौके पर पहुंची मसौली पुलिस ने एंबुलेंस की सहायता से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) बड़ागांव पहुंचाया। वहां से प्राथमिक इलाज के बाद चारों की गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। लेकिन वहां भी जब स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो डॉक्टरों ने उन्हें लखनऊ के ट्रॉमा सेंटर भेज दिया।
स्थानीय प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दोनों बाइकें तेज रफ्तार में थीं और सड़क पर मोड़ होने के कारण चालक समय रहते एक-दूसरे को नहीं देख सके। आमने-सामने की भिड़ंत के कारण सभी सवारों को गंभीर सिर और शरीर में चोटें आई हैं। लोगों ने बताया कि हादसा इतना भयानक था कि कुछ देर तक कोई भी घायल उठने की हालत में नहीं था।
इस मार्ग पर पहले भी कई हादसे हो चुके हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि बड़ागांव मार्ग पर वाहनों की तेज रफ्तार और सड़क की संकरी स्थिति अक्सर हादसों की वजह बनती है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि इस मार्ग पर गति सीमा निर्धारित की जाए और चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं ताकि भविष्य में ऐसे हादसों से बचा जा सके। यह हादसा फिर एक बार यह सवाल खड़ा करता है — आखिर कब जागेगा ट्रैफिक सिस्टम और कब थमेगी तेज रफ्तार की यह दौड़ जो सीधे अस्पताल या ट्रॉमा सेंटर तक पहुंचा रही है।