लखनऊ सेक्स रैकेट: नौकरी का झांसा, अबॉर्शन और रोजाना 15-16 कस्टमर, पढ़ें उज्बेक लड़कियों की दर्दनाक दास्तां

लड़कियों को दोपहर 3 बजे से सुबह 5 बजे तक काम पर लगाया जाता। एक दलाल के रजिस्टर में लड़कियों के नाम, कस्टमर की संख्या और तारीख तक का रिकॉर्ड मौजूद था। करीब 15 साल पहले भारत आई लोला अब 50 से ज्यादा उज्बेक लड़कियों के नेटवर्क की सरगना है। उसका संपर्क कई बड़े दलालों, नेताओं, खिलाड़ियों और फिल्मी हस्तियों से है। उसने फर्जी शादी कर भारत में आधार कार्ड बनवा लिया है।

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 14 July 2025, 7:55 AM IST
google-preferred

Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 21 जून को एक बड़े सेक्स रैकेट का पर्दाफाश हुआ, जिसमें दो उज्बेकिस्तान की लड़कियों को रेस्क्यू किया गया। जांच में सामने आया कि ये लड़कियां भारत नौकरी के लालच में आई गई, लेकिन यहां उनके पासपोर्ट छीन लिए गए और उन्हें जबरन देह व्यापार में धकेल दिया गया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, इन लड़कियों ने कोर्ट में दिए गए अपने बयान में जो बताया वह चौंकाने वाला है। एक पीड़िता ने कहा, "मैं प्रेग्नेंट थी, तब भी मुझे कस्टमर के पास लुधियाना भेज दिया गया। जब ब्लीडिंग हुई तो दवाएं देकर जबरदस्ती अबॉर्शन करा दिया गया। डॉक्टर भी दलालों से मिले हुए थे, उन्होंने कोई मदद नहीं की थी।"

विदेशी महिला भारत में चला रही थी सेक्स रैकेट

इस सेक्स रैकेट को उज्बेकिस्तान की रहने वाली 49 वर्षीय लोला कायूमोवा चला रही थी, जो अब भी फरार है। बताया जा रहा है कि लोला ने प्लास्टिक सर्जरी करवाई है। जिससे वह रशियन नागरिक जैसी दिख सके। पुलिस को उसके पास से पासपोर्ट और आधार कार्ड भी बरामद हुए हैं।

दलदल में कैसे फंसती हैं ये लड़कियां?

झूठे जॉब ऑफर: अधिकतर उज्बेक लड़कियों को दुबई, भारत या थाईलैंड में हॉस्पिटल या होटल में नौकरी दिलाने का झांसा दिया जाता है। फिर उन्हें नेपाल या ताशकंद के रास्ते भारत लाया जाता है।

पहले दिन ही पासपोर्ट जब्त: भारत पहुंचते ही दलाल उनका पासपोर्ट छीन लेते हैं और धमकियों से डराकर देह व्यापार में धकेल देते हैं।

जबरन अबॉर्शन और शारीरिक शोषण: एक पीड़िता ने बताया कि वो एक साल में दो बार प्रेग्नेंट हुई, लेकिन उसे कस्टमर के पास भेजा जाता रहा। अंत में उसे जबरन अबॉर्शन कराना पड़ा।

प्लास्टिक सर्जरी से रशियन लुक: दलाल इन लड़कियों पर रशियन या यूरोपियन दिखने का दबाव डालते हैं, क्योंकि इस लुक के बदले उन्हें ग्राहकों से ज्यादा पैसे मिलते हैं। मजबूरी में लड़कियां प्लास्टिक सर्जरी करवा रही हैं।

आधार कार्ड क्यों बनवाती हैं?: अवैध रूप से भारत आई लड़कियों को पहचान पत्र की जरूरत होती है, खासकर होटल में ग्राहक मिलने के वक्त। दलाल फर्जी शादी के दस्तावेजों के सहारे उनका आधार कार्ड बनवाते हैं।

केस 1: सब्जी बेचने से सेक्स स्लेवरी तक

26 साल की एक लड़की को एक दोस्त ने अच्छी नौकरी का वादा कर भारत बुलाया। दिल्ली में लाजपत नगर ले जाकर मॉडर्न कपड़े दिलवाए गए और उसी रात कहा गया कि उसे अब जिस्मफरोशी करनी होगी। विरोध करने पर बताया गया कि उसे में बेचा गया है।

केस 2: दो बार प्रेग्नेंट, दोनों बार जबरन अबॉर्शन

एक और लड़की ने बताया कि उसे हॉस्पिटल की जॉब का झांसा देकर लाया गया था। विरोध करने पर उसे स्क्रू ड्राइवर से मारा गया। दो बार प्रेग्नेंट हुई, दोनों बार दवाओं से जबरदस्ती गर्भपात कराया गया और फिर काम में झोंक दिया गया।

केस 3: दुबई के नाम पर नेपाल से दिल्ली लाई गई

एक अन्य युवती को दुबई की नौकरी का लालच देकर नेपाल के रास्ते दिल्ली लाया गया। गुरुग्राम के फ्लैट में रखा गया और जब उसने विरोध किया तो गंगा नदी में मगरमच्छों के सामने फेंकने की धमकी दी गई।

दिनभर में 5-7 कस्टमर से मिलवाया जाता

लड़कियों को दोपहर 3 बजे से सुबह 5 बजे तक काम पर लगाया जाता। एक दलाल के रजिस्टर में लड़कियों के नाम, कस्टमर की संख्या और तारीख तक का रिकॉर्ड मौजूद था। करीब 15 साल पहले भारत आई लोला अब 50 से ज्यादा उज्बेक लड़कियों के नेटवर्क की सरगना है। उसका संपर्क कई बड़े दलालों, नेताओं, खिलाड़ियों और फिल्मी हस्तियों से है। उसने फर्जी शादी कर भारत में आधार कार्ड बनवा लिया है।

इन सवालों का कौन देगा जवाब

  1. उज्बेक लड़कियां आखिर किस मजबूरी में ये सब झेल रही हैं?
  2. कैसे उन्हें रशियन लुक के लिए सर्जरी करानी पड़ती है?
  3. उनका आधार कार्ड कैसे बनता है?
  4. भारत में इतना बड़ा संगठित सेक्स रैकेट अब तक कैसे बेधड़क चल रहा है?

Location : 

Published : 

No related posts found.