लखनऊ सेक्स रैकेट: नौकरी का झांसा, अबॉर्शन और रोजाना 15-16 कस्टमर, पढ़ें उज्बेक लड़कियों की दर्दनाक दास्तां
लड़कियों को दोपहर 3 बजे से सुबह 5 बजे तक काम पर लगाया जाता। एक दलाल के रजिस्टर में लड़कियों के नाम, कस्टमर की संख्या और तारीख तक का रिकॉर्ड मौजूद था। करीब 15 साल पहले भारत आई लोला अब 50 से ज्यादा उज्बेक लड़कियों के नेटवर्क की सरगना है। उसका संपर्क कई बड़े दलालों, नेताओं, खिलाड़ियों और फिल्मी हस्तियों से है। उसने फर्जी शादी कर भारत में आधार कार्ड बनवा लिया है।