बारिश, तिरंगा और तांडव, रायबरेली में कांवड़ यात्रा में दिखा ये नजारा

सलोन से शुरू हुई कांवड़ यात्रा जब गोकना घाट की ओर बढ़ी, तो भक्तों का उत्साह बारिश और धूप दोनों की परीक्षा से गुजरा। ढोल-नगाड़ों के बीच तिरंगा लहराते कांवरियों का नृत्य, पुष्पवर्षा, और ‘बम-बम भोले’ के गगनभेदी जयकारे… लेकिन भीड़ में कुछ चेहरों पर छुपी थी एक रहस्यमयी बेचैनी।

Raebareli News :  रायबरेली जिले के सलोन कस्बे ने इस रविवार एक ऐसा आध्यात्मिक अनुभव जिया, जिसे सिर्फ देखा नहीं बल्कि महसूस किया गया। जय बोलबम कांवरिया सेवा ट्रस्ट के तत्वावधान में निकली भव्य कांवड़ यात्रा महज एक धार्मिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि श्रद्धा, समर्पण और राष्ट्रप्रेम का संगम बन गई।

आसमान अबीर-गुलाल से रंग...

जानकारी के मुताबिक,  सैकड़ों कांवरियों ने जैसे ही राधा नगर से कस्बे में प्रवेश किया, आसमान अबीर-गुलाल से रंग गया और वातावरण "बम-बम भोले" के जयकारों से गुंजायमान हो उठा। गाजे-बाजे, ढोल-नगाड़े और तिरंगे के साथ निकली इस यात्रा ने सिर्फ धार्मिक भावना को नहीं, बल्कि सांस्कृतिक एकता को भी प्रदर्शित किया।

महिलाएं सड़कों के दोनों ओर कतारों में खड़े

कस्बे के लोगों ने श्रद्धालुओं का स्वागत पुष्पवर्षा से किया, बच्चे, बुज़ुर्ग और महिलाएं सड़कों के दोनों ओर कतारों में खड़े होकर इस अद्भुत नज़ारे के साक्षी बने। कई कांवरिए वाहन पर सवार होकर भक्ति गीतों पर नृत्य करते हुए यात्रा में आगे बढ़ रहे थे, वहीं कुछ हाथ में तिरंगा लिए आध्यात्मिक जोश से लबरेज़ दिखे।

यात्रा में 1500 से अधिक भक्त

राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश पटेल ने जानकारी दी कि यह यात्रा सलोन से शुरू होकर गोकना घाट तक जाएगी, जहां से जल भरकर श्रद्धालु शिव शक्ति श्रद्धा मंदिर, गोपालपुर साहबगंज में जलाभिषेक करेंगे। अनुमान के मुताबिक यात्रा में 1500 से अधिक भक्त शामिल हुए।

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झमाझम बारिश ने कांवरियों...

उधर, सतांव के कोरिहर ग्रामसभा से बाबा बैजनाथ धाम के लिए निकली यात्रा भी उतनी ही विशाल और भावनात्मक रही। सुबह से तेज धूप ने कांवरियों की परीक्षा ली, लेकिन उनका हौसला नहीं डगमगाया। दोपहर बाद झमाझम बारिश ने कांवरियों को जैसे नई ऊर्जा दी — लोग फुहारों का आनंद लेते, हँसते, नाचते और भगवान शिव की जयकार करते दिखे।

भीड़ में कुछ चेहरे असहज और सजग...

कांवड़ पथ पर उत्सव जैसा माहौल था, लेकिन भीड़ में कुछ चेहरे असहज और सजग भी दिखे, जो संकेत दे रहे थे कि धार्मिक भावना के साथ-साथ प्रशासनिक सतर्कता की भी ज़रूरत है। इसी सघन भीड़ में कई लोग सेल्फी लेते और कांवरियों संग कदम से कदम मिलाते नज़र आए।

सेवा शिविरों और जिला प्रशासन की तैयारियों ने भी श्रद्धालुओं को राहत पहुंचाई। जल, छाया और प्राथमिक चिकित्सा जैसे इंतजाम बेहतर रहे। शाम तक श्रद्धालु बाबा बैद्यनाथ धाम में जलार्पण करते रहे।

धार्मिक मान्यता है कि सोमवार को शिव को जल चढ़ाने से विशेष फल की प्राप्ति होती है, और इस मान्यता को निभाने के लिए रैबरेली के भक्तों ने आस्था की ऐसी मिसाल पेश की, जो सालों तक याद रखी जाएगी।

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Location : 
  • Raebareli

Published : 
  • 27 July 2025, 3:38 PM IST