बरसात ने खोली नगर पालिका की पोल: देवरिया डूबा, जनता हुई परेशान

देवरिया में मूसलाधार बारिश ने नगर पालिका की तैयारियों की पोल खोल दी। कलेक्ट्रेट, पुलिस कार्यालय और न्यायालय परिसर में जलभराव की समस्या उत्पन्न हो गई है।। शासन के सफाई निर्देश कागजों तक सीमित रह गए हैं।

Post Published By: Nidhi Kushwaha
Updated : 17 July 2025, 2:20 PM IST
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Deoria: उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख शहर देवरिया, जो अपनी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत के लिए जाना जाता है, आज मूसलाधार बारिश की मार झेल रहा है। बुधवार को दोपहर 11:30 बजे से 12:30 बजे तक हुई तेज बारिश ने शहर को जलमग्न कर दिया और नगर पालिका परिषद की लचर व्यवस्था को बेपर्दा कर दिया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, इस एक घंटे की बारिश ने शहर के तमाम नालों और नालियों की हकीकत सामने ला दी, जो कचरे और गाद से अटे पड़े हैं। सड़कों पर दो फुट से अधिक पानी जमा हो गया, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया।

बद से बदतर मिले हालात

डाइनामाइट न्यूज़ की टीम ने जब मौके का जायजा लिया, तो हालात बद से बदतर नजर आए। कलेक्ट्रेट कचहरी के प्रांगण में पानी का समंदर बन गया था, जहां लोग अपने जूते-चप्पल उतारकर किसी तरह आवागमन कर रहे थे। पुलिस अधीक्षक कार्यालय और दीवानी न्यायालय परिसर भी जलभराव की चपेट में थे। शहर की प्रमुख सड़कें, जो आमतौर पर चहल-पहल से भरी रहती हैं, आज पानी के कारण दलदल में तब्दील हो चुकी थीं। राहगीरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा, कई लोग फिसलकर गिरने से बाल-बाल बचे।

नगर पालिको को आवंटित किया गया था बजट

उत्तर प्रदेश शासन ने बरसात से पहले सभी नालों और नालियों की सफाई और मरम्मत के सख्त निर्देश जारी किए थे। नगर पालिका को इस कार्य के लिए पर्याप्त बजट भी आवंटित किया गया था। लेकिन, यह पहली बारिश ही नगर पालिका की कागजी तैयारियों की पोल खोलने के लिए काफी थी। नाले कचरे से भरे होने के कारण पानी का निकास नहीं हो सका और परिणामस्वरूप शहर की सड़कें तालाब में बदल गईं। स्थानीय लोगों का कहना है कि हर साल बारिश के मौसम में यही हाल होता है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी केवल वादों और कागजी कार्रवाई तक सीमित रहते हैं।

वहीं दूसरी तरफ, गौरीबाजार थाना परिसर में भी बारिश के बाद पानी भर गया।

यह स्थिति न केवल नगर पालिका की लापरवाही को दर्शाती है, बल्कि शहर की बुनियादी ढांचे की कमजोरियों को भी उजागर करती है। अगर समय रहते नालों की सफाई और मरम्मत पर ध्यान दिया जाता, तो शायद शहरवासियों को इस परेशानी का सामना न करना पड़ता। अब सवाल यह है कि क्या नगर पालिका इस बारिश के सबक से कुछ सीखेगी या यह सिलसिला हर साल की तरह जारी रहेगा?

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