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ऊंचाहार में गत दिवस पर्यटन एवं संस्कृति मंत्रालय के द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में ऊंचाहार के विधायक मनोज कुमार पांडे और सदर विधायक अदिति सिंह की मंच पर एक साथ आई हुई तस्वीर को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं जोरों पर हैं। पढिये पूरी खबर
रायबरेली: ऊंचाहार में गत दिवस पर्यटन एवं संस्कृति मंत्रालय के द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में ऊंचाहार के विधायक मनोज कुमार पांडे और सदर विधायक अदिति सिंह की मंच पर एक साथ आई हुई तस्वीर को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं जोरों पर हैं। लोगों द्वारा यह कयास लगाए जाने लगा कि क्या अदिति सिंह और मनोज कुमार पांडे की परिवारिक दुश्मनी खत्म हो गई है। क्योंकि दशकों तक अदिति सिंह के पिता पूर्व विधायक स्व. अखिलेश सिंह और मनोज कुमार पांडे के बीच दुश्मनी रही है। यह दुश्मनी मनोज कुमार पांडे के भाई राकेश कुमार पांडेय की हत्या को लेकर हुई। अखिलेश सिंह पर उनके भाई की हत्या का आरोप है। मनोज कुमार पांडे की मुताबिक जिसका मुकदमा अभी भी हाईकोर्ट में चल रहा है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार इस मामले में विधायक मनोज कुमार पांडे ने कहा है कि उत्तर प्रदेश के पर्यटन विभाग का एक कार्यक्रम कल मेरी विधानसभा ऊँचाहार क्षेत्र में हुआ था। इस दौरान ऊंचाहार के साथ साथ अन्य विधानसभा के विकास कार्यों का शिलान्यास व उदघाटन कार्यक्रम था। मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि वह कार्यक्रम उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यटन विभाग का था । उस कार्यक्रम के आयोजक उत्तर प्रदेश के सरकार थी। यह एक सामाजिक एवं शिष्टाचार होता है यदि को कार्यक्रम में आ रहा है तो उसका सम्मान करना। उसमें पर्यटन लमंत्री जी को स्मृति दिया गया, शांतनु महाराज जी को भी स्मृति चिन्ह दिया गया, पूर्व ब्लॉक प्रमुख दल बहादुर सिंह को भी स्मृति चिन्ह दिया गया। तो उसे मंच पर जो लोग आए उन सबको हमने स्मृति देकर सम्मान दिया।
झगड़ों का समझौता
कवि रामधारी सिंह की कविता की दिनकर की कविता गिद्धों को लाश खानी है, अपनी क्षुधा मिटानी है कहते हुए मनोज पांडे ने कहा कि 10 साल से लेकर 80 साल के बुजुर्ग भी इस बात के गवाह हैं कि हमारे संघर्षों की गवाह हमारी चोटे और जख्म हैं। उन्होंने कहा कि हमने मर्यादा की लड़ाई लड़ी। वह अमिट है और अमिट रहेगी। जो संस्कार हैं जो संस्कार हमारे परिवार ने हमें दिए हैं। भगवान राम की प्रतिमा अगर मंच पर 10 लोग हैं तो सभी को हमने देने का काम किया जोकि शिष्टाचार है। मंच पर बैनर व निमंत्रण पत्र पर सदर विधायक का नाम नहीं था। लेकिन यदि कोई भी निर्वाचित विधायक, भारतीय जनता पार्टी के कार्यक्रम में यदि कोई व्यक्ति आता है तो उसे बैठने में हटाने की जिम्मेदारी मनोज पांडे की नहीं है। मंच की मर्यादा सामाजिक शिष्टाचार की मर्यादा हमारे क्अन्दर है। मनोज पांडे ने कहा कि दुश्मनी का समझौता नहीं होता है झगड़ों का समझौता होता है। उनका इतिहास व भूगोल यह पूरा प्रदेश व जिला जानता है। जो हमारी विचारधारा है उस पर हम इस जीवन में कभी समझौता नहीं करेंगे।