प्रयागराज: इरफान सोलंकी की जमानत याचिका पर सुनवाई पूरी… क्या मिलेगा इंसाफ या बढ़ेगी मुश्किलें?

प्रयागराज स्थित इलाहाबाद उच्च न्यायालय में बुधवार को समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी से जुड़े गैंगस्टर एक्ट मामले की सुनवाई पूरी हो गई। न्यायमूर्ति समीर जैन की एकलपीठ ने अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद अगली सुनवाई की तारीख 2025 तक के लिए निर्धारित की है। यह सुनवाई मुख्य रूप से इरफान सोलंकी द्वारा दाखिल की गई जमानत याचिका के संदर्भ में की गई थी।

Prayagraj: प्रयागराज स्थित इलाहाबाद उच्च न्यायालय में बुधवार को समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी से जुड़े गैंगस्टर एक्ट मामले की सुनवाई पूरी हो गई। न्यायमूर्ति समीर जैन की एकलपीठ ने अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद अगली सुनवाई की तारीख 2025 तक के लिए निर्धारित की है। यह सुनवाई मुख्य रूप से इरफान सोलंकी द्वारा दाखिल की गई जमानत याचिका के संदर्भ में की गई थी।

इस मामले की शुरुआत वर्ष 2022 में हुई थी, जब कानपुर की डिफेंस कॉलोनी में रहने वाली एक महिला, फातिमा, ने आरोप लगाया कि उनके प्लॉट पर जबरन कब्जा किया गया, जिसमें आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं भी शामिल थीं। इसके बाद फातिमा की तहरीर पर 26 दिसंबर 2022 को प्रभारी निरीक्षक अशोक कुमार दूबे द्वारा इरफान सोलंकी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई गई। यह मामला उत्तर प्रदेश गिरोहबंद और समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम, 1986 की धारा 3(1) के अंतर्गत दर्ज हुआ।

प्राथमिकी में इरफान सोलंकी के अलावा उनके भाई रिजवान सोलंकी, इसराइल आटेवाला, मोहम्मद शरीफ और शौकत अली के नाम भी शामिल किए गए हैं। अभियोजन पक्ष का आरोप है कि इरफान सोलंकी ने अपने राजनीतिक प्रभाव और नेटवर्क का दुरुपयोग करते हुए विरोधियों को धमकाने, अवैध कब्जे करवाने और हिंसक घटनाओं को अंजाम देने में अहम भूमिका निभाई। इन आरोपों के आधार पर उन्हें गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

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बचाव पक्ष ने कोर्ट में तर्क दिया कि सोलंकी को राजनीतिक द्वेषवश फंसाया गया है और उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों का कोई ठोस प्रमाण नहीं है। वहीं अभियोजन पक्ष ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि ऐसे मामलों में कठोर दृष्टिकोण आवश्यक है ताकि समाज में गलत संदेश न जाए।

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अब जबकि सुनवाई पूरी हो चुकी है, मामले में अंतिम निर्णय 2025 में संभावित है। तब तक इरफान सोलंकी न्यायिक हिरासत में रहेंगे। यह मामला न सिर्फ कानूनी रूप से बल्कि राजनीतिक दृष्टिकोण से भी खासा महत्व रखता है।

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Location : 
  • Prayagraj

Published : 
  • 14 August 2025, 2:44 PM IST