

प्रयागराज में डीएलएड, बीएड और बीटीसी अभ्यर्थियों का शिक्षक भर्ती को लेकर चल रहा आंदोलन मंगलवार को 14वें दिन भी जारी है। पढे़ं डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी खबर
प्रदर्शन कर रहे छात्र
प्रयागराज: डीएलएड, बीएड और बीटीसी अभ्यर्थियों का शिक्षक भर्ती को लेकर प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों ने इस बार उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग कार्यालय के सामने कान पकड़कर सांकेतिक प्रदर्शन किया। अभ्यर्थियों का कहना है कि आयोग व सरकार लगातार वादाखिलाफी कर रही है और भर्ती प्रक्रिया को जानबूझकर टाल रही है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, डीएलएड प्रदेश अध्यक्ष रजत सिंह ने बताया कि आयोग के अध्यक्ष और उपसचिव लगातार संवाद से बचते आ रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि 28 मई को आयोग की ओर से 10 दिनों में सकारात्मक निर्णय देने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन तय समयसीमा बीत जाने के बावजूद कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया। इससे हजारों अभ्यर्थियों में नाराजगी और असंतोष है।
प्रदर्शन कर रहे छात्रों की मांग है कि आयोग जल्द से जल्द अधियाचन (रिक्त पदों की सूचना) प्राप्त कर शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी करे। उनका कहना है कि वर्षों से हजारों युवा अभ्यर्थी शिक्षक बनने की उम्मीद में पढ़ाई और तैयारी कर रहे हैं, लेकिन सरकार और आयोग की उदासीनता के कारण उनका भविष्य अधर में लटक गया है।
शिक्षक भर्ती को लेकर नाराज छात्रों का प्रदर्शन
इस बीच, चयन आयोग के परीक्षा नियंत्रक देवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा है कि आयोग शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को गंभीरता से ले रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जैसे ही अधियाचन प्राप्त होगा, विज्ञापन जारी कर दिया जाएगा। लेकिन अभ्यर्थी इस बयान को महज आश्वासन मान रहे हैं और उन्होंने आयोग पर समय बर्बाद करने का आरोप लगाया है।
प्रदर्शनकारी छात्रों ने 13 जून को आयोग कार्यालय के दोनों मुख्य द्वारों पर महाधरना देने का ऐलान किया है। उनका कहना है कि यदि 13 जून तक कोई स्पष्ट निर्णय नहीं लिया गया, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा और पूरे प्रदेश में व्यापक स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
मंगलवार को हुए प्रदर्शन में रिंकू सिंह, सोनू कुमार, विनय सिंह, राहुल पांडेय, राहुल पाल, रोहित तिवारी, अनुराग मौर्या और अंकित पटेल सहित बड़ी संख्या में अभ्यर्थी शामिल हुए। सभी ने शांतिपूर्ण तरीके से आयोग के समक्ष अपनी मांगों को दोहराया और भर्ती प्रक्रिया में देरी को लेकर गहरी नाराजगी जताई।
अभ्यर्थियों का कहना है कि वे अब और इंतजार नहीं कर सकते। कई अभ्यर्थी ओवरएज हो रहे हैं, जबकि कुछ की आर्थिक स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि वे आगे तैयारी जारी नहीं रख सकते। ऐसे में यदि जल्द कार्रवाई नहीं की गई, तो यह आंदोलन एक बड़े जनांदोलन का रूप ले सकता है।
प्रदर्शनकारी छात्रों की एक ही मांग है- जल्द से जल्द शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी किया जाए और योग्य अभ्यर्थियों को उनका हक दिया जाए। अब देखना यह है कि आयोग और सरकार इस दिशा में कितनी जल्दी कदम उठाते हैं या अभ्यर्थियों को आंदोलन की ओर रुख करना होगा।