Greater Noida: ग्रेटर नोएडा के थाना बादलपुर क्षेत्र में हुए प्रॉपर्टी डीलर हत्या कांड का पुलिस ने खुलासा करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी की पहचान दीपक गोस्वामी निवासी महामेधा वाली गली सूरजपुर के रूप में हुई है, जो मूल रूप से मेरठ जिले के रोहटा मीरपुर गांव का रहने वाला है। पुलिस ने आरोपी के पास से एक पिस्टल, तीन जिंदा कारतूस और दो मोबाइल फोन बरामद किए हैं।
घटना का खुलासा
डीसीपी सेंट्रल नोएडा शक्ति मोहन ने बताया कि 31 अक्टूबर को पुलिस को डायल-112 के माध्यम से सूचना मिली थी कि एक व्यक्ति सड़क किनारे लहूलुहान हालत में पड़ा है। मौके पर पहुंची पुलिस ने घायल को अस्पताल भेजा, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृतक की पहचान गांव बंबावड़ दादरी निवासी महीपाल सिंह के रूप में हुई। परिजनों की तहरीर पर अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया था।
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ऐसे पकड़ में आया आरोपी
हत्या की गंभीरता को देखते हुए पुलिस आयुक्त के आदेश पर छह टीमें गठित की गई। टीमों ने 50 से अधिक CCTV कैमरों की फुटेज खंगाली और स्थानीय खुफिया तंत्र की मदद ली। दो दिनों की तफ्तीश के बाद पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी। मुखबिर की सूचना पर रविवार को धूम बाईपास अंडरपास के पास से आरोपी दीपक को गिरफ्तार कर लिया गया।
इंस्टाग्राम से शुरू हुई कहानी
पूछताछ में आरोपी ने चौंकाने वाले खुलासे किए। दीपक बी-फार्मा तृतीय वर्ष का छात्र है और 2022 से ग्रीड फार्मा कंपनी गामा-1 और कदंबा मार्केट में बतौर एमआर (मार्केट रिप्रजेंटेटिव) काम करता था। इसी दौरान उसकी मुलाकात महीपाल की बेटी से इंस्टाग्राम के माध्यम से हुई। दोनों के बीच बातचीत बढ़ी और दीपक ने शादी की इच्छा जताई, लेकिन लड़की और उसके पिता ने मना कर दिया।
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एकतरफा प्रेम बना हत्या की वजह
कुछ माह पहले महीपाल ने अपनी बेटी की शादी कहीं और तय कर दी थी। बताया जा रहा है कि मृतक की 10 दिसंबर को दो बेटियों की शादी तय थी, जिनमें से छोटी बेटी से दीपक एकतरफा प्रेम करता था। शादी तय होने की खबर सुनकर दीपक बुरी तरह भड़क गया और महीपाल को धमकी दी कि इसके परिणाम भुगतने होंगे। परिवार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया और शिकायत दर्ज नहीं कराई।
डेढ़ महीने की रेकी और सुनियोजित साजिश
पुलिस जांच में पता चला कि दीपक ने करीब डेढ़ महीने तक रेकी की। दवाइयों की मार्केटिंग के बहाने वह तिलपता, बंबावड़, वेदपुरा, सादुल्लापुर और दादरी इलाके में घूमता रहा। उसने महीपाल की दिनचर्या, मिलने-जुलने वालों और उनके रास्तों का गहन अध्ययन किया। 31 अक्टूबर को जब महीपाल अकेले सुनसान स्थान पर दिखाई दिए, तब दीपक ने मौका पाकर पिस्टल से गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद वह मृतक का मोबाइल लेकर फरार हो गया ताकि पहचान में देरी हो और पुलिस गुमराह हो जाए।
जांच जारी
बरामद हथियार को फोरेंसिक टीम ने जांच के लिए भेज दिया है। आरोपी को न्यायालय में पेश करने के बाद जेल भेजा जाएगा। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि दीपक ने पिस्टल कहां से और किससे खरीदी थी।

