

सावन के दूसरे सोमवार को लखीमपुर खीरी जिले में भगवान शिव के भक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ा। गोला गोकर्णनाथ समेत जिले के तमाम मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गई। जलाभिषेक के लिए पहुंचे कांवड़ियों और स्थानीय श्रद्धालुओं की संख्या इतनी अधिक रही कि गोला मंदिर के बाहर सुरक्षा के लिए लगाए गए एंगल तक टूट गए। इसके बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था में कोई कमी नहीं दिखी।
गोला गोकर्णनाथ में टूटे इंतजाम
Lakhimpur Khiri News: सावन माह के दूसरे सोमवार को जिले भर में शिवभक्ति की अद्भुत छटा देखने को मिली। तड़के से ही मंदिरों के बाहर लंबी कतारें लगनी शुरू हो गईं। शिवभक्तों ने शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र चढ़ाकर विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की और 'हर हर महादेव' के जयकारों से पूरा माहौल भक्तिमय बना दिया।
गोला गोकर्णनाथ मंदिर में टूटा इंतजाम
जिले के प्रसिद्ध पौराणिक शिव मंदिर गोला गोकर्णनाथ में सुबह से ही श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन द्वारा लगाए गए सुरक्षा इंतजाम उस समय ध्वस्त हो गए जब मंदिर के मुख्य द्वार पर लोहे के एंगल से बनाई गई दीर्घा भारी दबाव के चलते टूटकर गिर गई। हालांकि किसी बड़े हादसे की सूचना नहीं मिली, लेकिन इससे साफ हो गया कि भीड़ प्रबंधन में प्रशासन चूक गया।
हरिद्वार और कछला से जल लेकर पहुंचे कांवड़िये
हर साल की तरह इस बार भी बड़ी संख्या में कांवड़िए हरिद्वार और कछला से गंगाजल लेकर गोला गोकर्णनाथ पहुंचे। उन्होंने शिवलिंग पर जलाभिषेक कर पुण्य अर्जित किया। मंदिर परिसर में दोपहर 12 बजे तक कांवड़ियों की कतारें लगी रहीं। कांवड़ियों के जत्थे भजन-कीर्तन करते हुए मंदिर की ओर बढ़ते दिखे। जिसमें छोटे बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग भी शामिल रहे।
रविवार रात से ही दिखने लगा था उत्साह
रविवार शाम से ही गोला मार्ग पर कांवड़ियों की चहल-पहल शुरू हो गई थी। जत्थों में शामिल श्रद्धालु ढोल-नगाड़ों और DJ की धुन पर नाचते-गाते आगे बढ़ रहे थे। जगह-जगह शिवभक्तों के स्वागत के लिए शिविर लगाए गए थे। जहां उन्हें जल, शरबत और फल आदि वितरित किए जा रहे थे।
लखीमपुर के अन्य प्रमुख मंदिरों में भी उमड़ी भीड़
लखीमपुर शहर के प्रसिद्ध भुईफोरवनाथ मंदिर और जंगलीनाथ मंदिर में भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। यहां महिला और पुरुष श्रद्धालुओं के लिए अलग-अलग कतारों की व्यवस्था की गई थी। जिससे जलाभिषेक की प्रक्रिया व्यवस्थित रही। ओयल स्थित मेंढक मंदिर में भी श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गई। लोगों ने दूध, जल और बेलपत्र चढ़ाकर भगवान शिव की आराधना की। मंदिर परिसर ‘जय शिव शंकर’ और ‘हर हर महादेव’ के जयघोष से गूंजता रहा।
कावड़ियों के लिए विशेष व्यवस्थाएं
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के तमाम दावे किए थे, लेकिन मौके पर व्यवस्थाएं पूरी तरह नाकाम रहीं। प्रमुख मार्गों पर ट्रैफिक व्यवस्था चरमराई रही और कई जगहों पर कांवड़ियों को खुद ही रास्ता बनाना पड़ा। वहीं प्रशासनिक अधिकारी मौके से नदारद नजर आए।