Jyeshtha Purnima 2025: हापुड़ की गंगा में लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी, जानिए क्या है आज का महत्त्व

आज ज्येष्ठ पूर्णिमा है, आज का दिन हिन्दू धर्म के लिए काफी खास है, पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ के साथ आज के दिन की महत्त्वता

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 11 June 2025, 1:05 PM IST
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हापुड़: ज्येष्ठ पूर्णिमा पर बुधवार को लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा नगरी ब्रजघाट में आस्था की डुबकी लगाई। घाट किनारे पूजा-अर्चना कर परिवार की खुशहाली और समृद्धि की कामना की गई। इस दौरान पुलिस की कड़ी व्यवस्था भी दिखाई दी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने हर-हर गंगे के जयकारों के साथ मां गंगा में डुबकी लगाई। मंगलवार की रात से ही श्रद्धालु गंगा नगरी पहुंचे और डेरा डाल लिया।

गंगा स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने की पूजा-अर्चना

गंगा स्नान के बाद श्रद्धालु घाट किनारे बैठे और कर्मकांडी पंडितों के पास पहुंचे। वहां भगवान सत्यनारायण की कथा सुनी और कई अनुष्ठानों में हिस्सा लिया। श्रद्धालुओं ने परिवार की सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य और खुशहाली के लिए प्रार्थना की। कई श्रद्धालुओं ने बारिश की दुआ मांगी। क्योंकि इस साल की उमस भरी गर्मी ने सबको परेशान कर रखा है।

सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस रही तैनात

ज्येष्ठ पूर्णिमा पर लाखों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। इस दौरान कोतवाली गढ़मुक्तेश्वर प्रभारी निरीक्षक नीरज कुमार ने श्रद्धालुओं को गहरे पानी में जाने को लेकर जागरूक किया और सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस बल तैनात रहा।

श्रद्धालुओं की भीड़ के चलते गजरौला की ओर किया रुख

श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए हजारों लोगों ने गजरौला की तरफ रुख कर लिया। जहां दूसरी ओर गंगा घाट पर स्नान की व्यवस्था की गई थी। ब्रजघाट में जगह कम होने की वजह से गजरौला में गंगा स्नान किया। वहां भी भक्ति का वही जोश और उत्साह देखने को मिला।

गंगा स्नान का धार्मिक महत्व

ज्येष्ठ पूर्णिमा पर गंगा स्नान का खास महत्व है। मान्यता है कि इस दिन गंगा में डुबकी लगाने से सारे पाप धुल जाते है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। गंगा को मोक्षदायिनी कहा जाता है, और इस दिन का स्नान विशेष फलदायी माना जाता है। श्रद्धालुओं का मानना है कि गंगा स्नान से न सिर्फ आत्मा शुद्ध होती है, बल्कि जीवन की तमाम परेशानियां भी दूर हो जाती है। यही वजह है कि हर साल लाखों लोग ब्रजघाट जैसे पवित्र तीर्थ स्थलों पर उमड़ पड़ते है।

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