

एक दिन जब उसके माता-पिता घर पर नहीं थे, आस्था ने अपने बॉयफ्रेंड अमन को घर बुलाया था। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
मेरठ आस्था हत्याकांड
मेरठ: दिल दहला देने वाली हत्या मामले में पुलिस को आस्था का सिर अभी तक नहीं मिल सका है। जबकि हत्या को हुए 4 दिन हो गए हैं। महरौली के जंगल में आस्था के मामा ने दरांती से उसकी हत्या कर शव के धड़ को फेंका और सिर को करीब 10 किमी दूर गंगनहर में फेंक दिया। हालांकि, पुलिस अब तक सिर का सुराग नहीं लगा सकी है। इस सिलसिले में पुलिस ने बीते 24 घंटों में 20 पुलिस जवानों की टीम को गंगनहर के दोनों किनारों से लेकर 12 किमी तक सर्च ऑपरेशन में लगाया था, लेकिन कोई सफलता हाथ नहीं लगी।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, चूंकि गंगनहर में पानी का बहाव तेज है। इसलिए पुलिस ने गाजियाबाद पुलिस से संपर्क किया है और मसूरी झाल (गाजियाबाद) पर प्राइवेट गोताखोरों को तैनात किया है। मसूरी झाल पर अक्सर शव बहकर पहुंचते हैं। पुलिस को उम्मीद है कि यहां सिर मिल सकता है।
इन दोनों थ्योरी पर जांच शुरू
पुलिस इस मामले में दो संभावनाओं के आधार पर काम कर रही है। पहली थ्योरी यह है कि आस्था के मामा कमल ने पुलिस को गुमराह करने के लिए सिर को गंगनहर में फेंकने का बयान दिया है। दूसरी थ्योरी यह है कि सिर को नहर के आसपास दबा दिया गया है। अगर पुलिस आस्था का सिर नहीं खोज पाती है तो वे DNA टेस्ट का सहारा लेने का विचार कर रही हैं। इसके लिए पोस्टमॉर्टम के दौरान शव से DNA सैंपल (बाल और ब्लड) लिया गया था। कोर्ट के आदेश के बाद आस्था की मां राकेश देवी का भी DNA सैंपल लिया जाएगा।
हत्या के बाद की स्थिति
आस्था के मामा कमल ने पुलिस को बताया कि उसने और उसके भाई समर ने आस्था की हत्या के बाद उसके सिर को एक सफेद प्लास्टिक की बोरी में लपेटकर गंगनहर में फेंक दिया था, क्योंकि नहर का बहाव तेज था और पुलिस के लिए सिर को ढूंढना आसान नहीं था। पुलिस ने पहले गंगनहर के 4 किमी तक के दायरे में झाड़ियों में खोजबीन की, लेकिन अब तक सिर का कोई पता नहीं चला है। गंगनहर में पानी की गहराई 12 फीट है और पानी का बहाव 10 हजार क्यूसेक है। जिसके कारण पुलिस को उम्मीद है कि सिर कहीं और बहकर चला गया होगा।
आस्था के पिता रमेश के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं
इस मामले में पुलिस ने गाजियाबाद के मसूरी झाल को अपनी आखिरी उम्मीद के तौर पर चुना है, क्योंकि यह स्थान शवों को अटकने का एक संभावित स्थान माना जाता है। आस्था के पिता रमेश को पुलिस ने अब तक नामजद आरोपी नहीं बनाया है, क्योंकि उनकी सीधे तौर पर हत्या में कोई भूमिका सामने नहीं आई है। हालांकि, यह पता चला है कि रमेश ने हत्या की जानकारी छत्तीसगढ़ में तैनात अपने अधिकारियों को दी थी और छुट्टी पर आवेदन किया था। पुलिस के मुताबिक उनकी भूमिका पर बयान दर्ज किए जाएंगे।
20-20 के नोट के बीच में रखती थी बॉयफ्रेंड का नंबर
आस्था की लाश को महरौली के जंगल में दरांती से काटने के बाद शव को कार में रखकर गंगनहर में ले जाया गया। पुलिस ने अब तक इस केस में कई चौंकाने वाली जानकारियां जुटाई हैं। साथ ही यह भी खुलासा हुआ है कि आस्था की हत्या को लेकर पूरी योजना बनाई गई थी। हत्या के बाद के घटनाक्रम में पुलिस को यह भी पता चला है कि शव के पास पड़ी सलवार की जेब से एक कागज मिला था, जिसमें अमन के पिता और उसकी बहन के मोबाइल नंबर लिखे थे। जेब में 20-20 के तीन नोट थे। उन नोटों के बीच में एक कागज लिपटा हुआ था। यह नंबर पुलिस के लिए केस को सुलझाने में महत्वपूर्ण साबित हुआ।
आस्था हत्याकांड की पूरी कहानी
आस्था 12वीं कक्षा की छात्रा थी और एक साल से उसके प्रेमी अमन से उसका प्रेम संबंध था। एक दिन जब उसके माता-पिता घर पर नहीं थे, आस्था ने अपने बॉयफ्रेंड अमन को घर बुलाया था। घर पर मौजूद छोटे भाई ने उन्हें आपत्तिजनक स्थिति में देखा और मां को सारी बात बताई। इसके बाद आस्था की मां ने उसे फटकारा और यह बात उसके पिता तक भी पहुंची। रमेश ने आस्था को फोन पर डांटा और कहा कि वह अमन से संपर्क न करे। इस पर आस्था लगातार अमन से बात करने और शादी पर अड़ गई। जिसके बाद आस्था के पिता ने कहा कि वह वापस आकर अमन के परिजनों से बात करेंगे और शादी करवा देंगे।
इसके बाद 4 जून को आस्था ने अपनी मां से कहा कि वह जल्दी से अमन से शादी करवा दें, लेकिन मां ने इसे नकारा। इस पर आस्था नाराज हो गई और उसने अपनी मां से बहस शुरू कर दी। जिससे गुस्से में आकर मां और भाई ने उसे मारा। गुस्से में आकर मां ने आस्था को गला दबाकर मार डाला। इसके बाद मां ने अपने पति रमेश को फोन किया और हत्या की बात बताई। फिर परिवार के सदस्य मिलकर लाश को ठिकाने लगाने की योजना बनाने लगे। काफी सोच-विचार के बाद रात को आस्था के मामा और अन्य रिश्तेदारों ने लाश को महरौली के जंगल में ले जाकर उसे दरांती से काटा। सिर को गंगनहर में फेंका गया। जबकि धड़ को पास की नहर में फेंक दिया गया।
आस्था के परिवार के खिलाफ कार्रवाई
पुलिस ने आस्था की हत्या के लिए उसकी मां राकेश देवी और नाबालिग भाई को आरोपी बनाया है। इसके अलावा मामा कमल, समर, ममेरे भाई मनजीत और गौरव को साक्ष्य मिटाने का आरोपी बनाया गया है। इन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 103(1), 238 और 66(2) के तहत आरोप लगाए गए हैं। यदि आरोपी दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें उम्रकैद या फांसी तक की सजा हो सकती है। आस्था का 14 साल का भाई अब जुवेनाइल किशोर गृह में है, जबकि बाकी आरोपी 14 दिन की रिमांड पर जेल भेजे गए हैं।