रात का सफर अब और सुरक्षित: यूपी परिवहन निगम की एंटी स्लीप डिवाइस बनी यात्रियों की ढाल, जानें पूरा प्लान

उत्तर प्रदेश परिवहन निगम ने रात के सफर को सुरक्षित बनाने के लिए 600 बसों में एंटी स्लीप डिवाइस लगाई है। यह डिवाइस ड्राइवर की झपकी पर अलार्म बजाकर हादसों को रोक रही है, जिससे हर दिन औसतन दो बड़े हादसे टल रहे हैं।

Post Published By: Nidhi Kushwaha
Updated : 2 July 2025, 5:34 PM IST
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Lucknow: उत्तर प्रदेश परिवहन निगम ने रात के सफर को और सुरक्षित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। निगम ने अपनी 600 बसों में अत्याधुनिक एंटी स्लीप डिवाइस स्थापित की है, जो ड्राइवर की छोटी-सी झपकी को भी भांपकर तुरंत अलार्म बजा देती है। इस तकनीक ने रात के समय होने वाली बस दुर्घटनाओं पर लगाम कसी है और हर दिन औसतन दो बड़े हादसों को रोकने में कामयाबी हासिल की है। यह डिवाइस स्टेयरिंग और एक्सीलेटर की गतिविधियों पर नजर रखती है, जिससे ड्राइवर की लापरवाही या थकान से होने वाले हादसों को रोका जा सके।

अब तक इतनी बसों में लग चुकी है डिवाइस

बता दें कि लगभग छह महीने पहले शुरू हुई इस पहल के तहत अब तक 600 बसों में यह डिवाइस लगाई जा चुकी है। परिवहन निगम के अधिकारियों के अनुसार, यह तकनीक न केवल ड्राइवर और परिचालक को सतर्क रखती है, बल्कि यात्रियों को भी सुरक्षित गंतव्य तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। रात के समय होने वाली अधिकांश बस दुर्घटनाओं का कारण ड्राइवर की नींद या थकान रहा है। इस समस्या से निपटने के लिए यह डिवाइस स्टेयरिंग और एक्सीलेटर से जुड़ी होती है। अगर ड्राइवर एक्सीलेटर पर दबाव नहीं डालता या उसे अनियमित तरीके से दबाता है, तो डिवाइस तुरंत बीप के साथ अलार्म बजाती है। यह अलार्म इतना तेज होता है कि न केवल ड्राइवर, बल्कि बस में मौजूद सभी यात्री इसे सुनकर सतर्क हो जाते हैं।

शुरुआती दिनों में यह डिवाइस प्रतिदिन 50-60 बार अलर्ट जारी करती थी, क्योंकि कई बार सीधे रास्तों पर ड्राइवर को स्टेयरिंग या एक्सीलेटर पर ज्यादा हस्तक्षेप की जरूरत नहीं पड़ती थी। लेकिन अब ड्राइवर इस तकनीक से परिचित हो चुके हैं और वे लगातार सक्रिय रहते हैं, जिससे उनकी सतर्कता बनी रहती है। यह डिवाइस न केवल हादसों को रोक रही है, बल्कि यात्रियों में भी सुरक्षा का भरोसा जगा रही है।

अन्य सुरक्षा उपाय

एंटी स्लीप डिवाइस के अलावा, यूपी परिवहन निगम ने कई अन्य कदम उठाए हैं। लंबी दूरी की बसों में डबल ड्राइवर की व्यवस्था की गई है, ताकि ड्राइवर को पर्याप्त आराम मिल सके। सभी बसों में स्पीड लिमिटिंग डिवाइस लगाई गई है, जो ओवरस्पीडिंग को रोकती है। इसके साथ ही जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम के जरिए बसों की हर पल की लोकेशन पर नजर रखी जा रही है। परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक मासूम अली सरवर ने बताया कि इन उपायों की वजह से रात के समय होने वाली दुर्घटनाओं में उल्लेखनीय कमी आई है।

एंटी स्लीप डिवाइस कैसे काम करती है?

अगर स्टेयरिंग या एक्सीलेटर में कोई गतिविधि नहीं होती, तो डिवाइस बीप अलर्ट जारी करती है।
इसके बाद तेज अलार्म बजकर ड्राइवर और परिचालक को सतर्क करती है।
ओवरस्पीडिंग की स्थिति में भी यह डिवाइस अलार्म के जरिए चेतावनी देती है।

यह तकनीक और अन्य सुरक्षा उपाय न केवल यात्रियों की जान बचा रहे हैं, बल्कि उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की छवि को भी मजबूत कर रहे हैं। यह पहल रात के सफर को न केवल सुरक्षित, बल्कि यात्रियों के लिए भरोसेमंद भी बना रही है।

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