

लखीमपुर खीरी में फाइलेरिया उन्मूलन अभियान अंतर्गत एक सघन रात्रिकालीन रक्त सर्वेक्षण का आयोजन किया जा रहा है। पूरी खबर के लिए पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की ये रिपोर्ट
नाइट ब्लड सर्वे
लखीमपुर खीरी: जन स्वास्थ्य की रक्षा एवं रोगमुक्त समाज की परिकल्पना को साकार करने हेतु लखीमपुर खीरी जनपद में फाइलेरिया उन्मूलन अभियान अंतर्गत एक सघन रात्रिकालीन रक्त सर्वेक्षण (नाइट ब्लड सर्वे) का आयोजन किया जा रहा है। यह अभियान 02 जून से 07 जून 2025 तक जिले के 10 विकास खण्डों में संचालित किया जाएगा।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, इस आशय की जानकारी मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. संतोष गुप्ता ने दी। उन्होंने बताया कि प्रत्येक चयनित विकास खण्ड में निर्धारित स्थलों पर रात्रि 10 बजे से एनबीएस (NBS) गतिविधि संचालित की जाएगी। इस कार्य हेतु चार सदस्यीय टीमें गठित की गई हैं, जिनमें एक प्रशिक्षित प्रयोगशाला प्राविधिज्ञ भी सम्मिलित होगा।
20 लैब को मिला टेक्नीशियन प्रशिक्षण
अभियान की सफलता सुनिश्चित करने हेतु 20 लैब टेक्नीशियन को पूर्व में प्रशिक्षण प्रदान किया जा चुका है। जिला मलेरिया अधिकारी हरि शंकर ने बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन हेतु जनसहभागिता अत्यंत आवश्यक है। अतः इस महत्त्वपूर्ण कार्य में ग्राम प्रधान, आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी, कोटेदार तथा ग्राम के गणमान्य नागरिकों का सक्रिय सहयोग लिया जाएगा।
इस अभियान के अंतर्गत प्रत्येक विकास खण्ड में दो स्थलों पर कुल 6000 लोगों के रक्त नमूने एकत्रित कर उनकी जांच की जाएगी। यह जांच विशेष रूप से 20 वर्ष या उससे अधिक आयु के नागरिकों पर केंद्रित होगी। कार्य की निगरानी जिला मलेरिया अधिकारी कार्यालय एवं जनपदीय अधिकारियों द्वारा सुनिश्चित की जाएगी। अभियान में पाथ सीएचआरआई तथा डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधिगण जुबेर आलम एवं मुन्ना यादव सक्रिय सहयोग प्रदान करेंगे।
फाइलेरिया एक चुपचाप पनपता रोग
फाइलेरिया, जिसे आमजन में हाथीपांव के नाम से जाना जाता है, क्यूलेक्स मच्छर के काटने से उत्पन्न होने वाला एक दीर्घकालिक रोग है, जिसके लक्षण 5 से 15 वर्षों के पश्चात धीरे-धीरे प्रकट होते हैं। इसके प्रमुख लक्षणों में हाथ पैरों में खुजली, त्वचा में एलर्जी, सूजन, पुरुषों में अंडकोष तथा महिलाओं में स्तनों की सूजन आदि सम्मिलित हैं।
रोग से बचाव ही सबसे बड़ा उपचार
चूंकि फाइलेरिया मच्छरों के माध्यम से फैलता है, अतः इससे बचाव हेतु आवश्यक है कि घर व उसके आसपास जल-जमाव, गंदगी अथवा कूड़े का संचयन न होने दिया जाए। घर के कूलर, गमले तथा अन्य पात्रों में जल न ठहरने दें। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें तथा पूरे शरीर को ढकने वाले वस्त्र पहनें।
यदि कोई व्यक्ति फाइलेरिया के लक्षणों से ग्रसित हो, तो उसे घबराने की आवश्यकता नहीं है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इसका समुचित उपचार नि:शुल्क उपलब्ध कराया जाता है। अतः समय रहते निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पर संपर्क कर उपचार प्रारंभ करें।