राष्ट्रीय राजमार्ग बना मृत्युपथ! बुजुर्ग की मौत और डबल बाइक क्रैश से रायबरेली में दहशत

रायबरेली में एक दिन, दो दर्दनाक हादसे। बुजुर्ग की राजमार्ग पर लोडर से टक्कर में मौत और सरेनी में दो बाइकों की टक्कर से चार घायल, दो की हालत नाज़ुक। क्या यह सिर्फ संयोग है या लापरवाही और व्यवस्था की बड़ी चूक? हादसों के पीछे छिपा है एक मौन सवाल।

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 27 July 2025, 3:43 PM IST

Raebareli: रायबरेली में रविवार का दिन दो अलग-अलग सड़क हादसों के नाम रहा, जिसने न सिर्फ परिवारों को सदमे में डाला, बल्कि राष्ट्रीय राजमार्ग और ग्रामीण संपर्क मार्गों की सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, पहली घटना ऊंचाहार कोतवाली क्षेत्र की है, जहां 72 वर्षीय बुजुर्ग राम प्रसाद, निवासी सादे की बाजार (मजरा अरखा), अपने गांव से पैदल पास के हरबंधनपुर रिश्तेदारी जाने निकले थे। उन्हें नहीं पता था कि यह सफर उनकी ज़िंदगी का आखिरी पड़ाव बन जाएगा।

जैसे ही राम प्रसाद लखनऊ-प्रयागराज राष्ट्रीय राजमार्ग के अरखा ऐश डाइक मोड़ के पास सड़क पार कर रहे थे, एक तेज रफ्तार लोडर ने उन्हें जोरदार टक्कर मार दी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार टक्कर इतनी भीषण थी कि बुजुर्ग कई फीट दूर जा गिरे। लोडर चालक वाहन छोड़ मौके से फरार हो गया।

स्थानीय लोगों ने तत्काल सीएचसी पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। सूचना पर पहुंची ऊंचाहार पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। कोतवाल संजय कुमार ने बताया कि वाहन को कब्जे में ले लिया गया है और चालक की तलाश जारी है।

इसी दिन सरेनी क्षेत्र के सिंघौर तारा संपर्क मार्ग पर बेनीमाधवगंज और ओभनी गांव के बीच एक और भीषण सड़क हादसा हुआ। यहां दो बाइकों – अपाचे (UP16 Z 7281) और स्प्लेंडर (UP 33BD 5149) – में आमने-सामने टक्कर हो गई।

हादसे में सुरेंद्र यादव (40) व पंचम यादव (50), निवासी ओभनी रालपुर, और अपाचे बाइक पर सवार दो अज्ञात युवक गंभीर रूप से घायल हो गए। मौके पर पहुंची डायल 112 पुलिस टीम ने सभी घायलों को लालगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। सुरेंद्र और पंचम की हालत गंभीर देख डॉक्टरों ने उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया।

इन दो घटनाओं ने रायबरेली को झकझोर कर रख दिया है। जहां पहली घटना बुजुर्गों और पैदल यात्रियों की सड़क सुरक्षा पर प्रश्नचिह्न लगा रही है, वहीं दूसरी दुर्घटना ग्रामीण सड़कों पर वाहनों की बेलगाम रफ्तार और असावधानीपूर्ण ड्राइविंग की पोल खोल रही है।

हादसों के शिकार सभी लोग आमजन हैं – जो किसी राजनीतिक मंच पर नहीं, बल्कि जमीनी सच्चाई में जी रहे थे। उनके लिए सड़कों का अर्थ केवल एक रास्ता नहीं, संघर्ष का मैदान है – जहां कभी मंज़िल मिलती है, कभी मौत।

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  • Raebareli

Published : 
  • 27 July 2025, 3:43 PM IST