Maharajganj: जिले की पुलिस ने महिला सुरक्षा और अपराधियों के खिलाफ अपने जीरो टॉलरेंस रुख को एक बार फिर साबित किया है। थाना घुघली पुलिस ने नौ साल पुराने सामूहिक दुष्कर्म मामले में फरार चल रहे दो आरोपियों को गिरफ्तार कर बड़ी सफलता हासिल की है। यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक सोमेन्द्र मीना के निर्देशन में चलाए जा रहे अपराधियों के विरुद्ध विशेष अभियान के तहत की गई।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, पुलिस ने बताया कि यह मामला वर्ष 2017 का है जब थाना घुघली क्षेत्र में एक महिला के घर में घुसकर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म की वारदात की गई थी। इस संबंध में मु.अ.सं. 113/2018 धारा 376-डी (सामूहिक दुष्कर्म), 450 (घर में घुसकर अपराध) और 506 (जान से मारने की धमकी) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। आरोपियों की पहचान इन्दल पुत्र बजरंगी (35 वर्ष) और राजाराम पुत्र काशी (45 वर्ष) के रूप में हुई थी।
घटना के बाद से फरार थे आरोपी
घटना के बाद दोनों आरोपी फरार हो गए थे और लंबे समय तक गिरफ्तारी से बचते रहे। पुलिस सूत्रों के अनुसार, इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा दिए गए प्रोसिडिंग स्टे ऑर्डर के कारण गिरफ्तारी की कार्रवाई रोकी गई थी। हालांकि, पुलिस टीम ने लगातार उच्चाधिकारियों को मामले से अवगत कराते हुए कानूनी प्रक्रिया को आगे बढ़ाया।
साइबर ठगी पर पुलिस का शिकंजा, पीड़ित को वापस मिली रकम; समय रहते ऐसे हो सकती है कार्रवाई
3 नवम्बर 2025 को अदालत ने पुलिस की प्रभावी पैरवी और तर्कों के बाद स्टे आदेश को निरस्त कर दिया। आदेश मिलते ही पुलिस ने आरोपियों की तलाश तेज कर दी। विशेष टीम का गठन कर संभावित ठिकानों पर निगरानी बढ़ाई गई।
मुखबीर की सूचना पर हुई गिरफ्तारी
लगातार ट्रैकिंग और मुखबिर की सटीक सूचना पर बुधवार रात करीब 8:05 बजे घुघली थाना पुलिस ने ग्राम हरखपुरा टोला अम्बेडकर नगर में दबिश दी और दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने आवश्यक कागजी कार्रवाई पूरी करते हुए दोनों को न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया।
एसपी सोमेन्द्र मीना ने इस सफलता पर टीम की सराहना करते हुए कहा, “महराजगंज पुलिस महिलाओं की सुरक्षा और न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। नौ साल पुराने इस मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी हमारी दृढ़ इच्छाशक्ति और कानून के प्रति निष्ठा का परिणाम है।” उन्होंने आगे कहा कि पुलिस का मकसद सिर्फ अपराधियों को पकड़ना नहीं, बल्कि यह संदेश देना है कि कोई भी आरोपी कितना भी समय बीत जाने के बाद भी कानून से नहीं बच सकता।

