Maharajganj: जिले के स्वास्थ्य तंत्र को दुरुस्त करने की दिशा में रविवार को जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा ने कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने अचानक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) हरपुर महन्थ और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) घुघुली का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने शासन की मंशा के अनुरूप संचालित आरोग्य मेला कार्यक्रम की समीक्षा की और मरीजों से सीधे संवाद कर जमीनी हकीकत जानी।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने अस्पतालों के दवा स्टोर का बारीकी से परीक्षण किया। उन्होंने दवाओं की उत्पादन तिथि और एक्सपायरी डेट की जांच की और यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि मरीजों को समय पर सुरक्षित दवाएं मिलें। उन्होंने डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को हिदायत दी कि वे मरीजों से सेवाभाव और संवेदनशीलता के साथ व्यवहार करें।
डीएम ने कराया ब्लड शुगर टेस्ट
निरीक्षण के बीच जिलाधिकारी ने खुद भी ब्लड शुगर टेस्ट कराया ताकि आम मरीजों को मिलने वाली स्वास्थ्य सेवाओं का वास्तविक अनुभव कर सकें। इस पहल ने स्वास्थ्यकर्मियों को सतर्क और आमजन को उत्साहित किया।
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निरीक्षण में मिली लापरवाही पर कार्रवाई
पीएचसी हरपुर महन्थ में उस समय तक कुल 18 मरीजों की जांच और दवा वितरण किया जा चुका था। वहीं, CHC घुघुली में 1 नवंबर से अब तक 18 प्रसव (डिलीवरी) कराए गए थे। निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि एक महिला को प्रसव के बाद समय से पहले डिस्चार्ज कर दिया गया था। इस पर जिलाधिकारी ने सख्त नाराजगी जताई और जिम्मेदार नर्स तनुश्री का एक दिन का वेतन रोकने का आदेश दिया।
आरोग्य मेले की समीक्षा और दिशा-निर्देश
घुघुली CHC में आयोजित आरोग्य मेले के दौरान 8 मरीजों की जांच और दवा वितरण किया गया। जिलाधिकारी ने उपस्थित चिकित्सकों से कहा कि आरोग्य मेलों का मुख्य उद्देश्य ग्रामीणों को निःशुल्क और सुलभ चिकित्सा सुविधा देना है। उन्होंने निर्देश दिया कि मेले में आने वाले हर मरीज की संपूर्ण जांच की जाए और कोई भी रोगी बिना इलाज के न लौटे।
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निरीक्षण के समय मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. श्रीकांत शुक्ला, CHC प्रभारी नीरज सिंह सहित अन्य चिकित्सा अधिकारी और स्वास्थ्यकर्मी मौजूद रहे। जिलाधिकारी ने अधिकारियों से कहा कि वे नियमित रूप से अस्पतालों का निरीक्षण करें और किसी भी प्रकार की लापरवाही पर त्वरित कार्रवाई करें।

