

संगम नगरी प्रयागराज के काफी इलाकों में इस वक्त बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। कारण है कि गंगा और यमुना नदी का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। प्रशासनिक टीम ने इसको लेकर अलर्ट जारी किया है।
प्रतीकात्मक फोटो (सोर्स: इंटरनेट)
Prayagraj News: प्रयागराज में गंगा और यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ने लगा है, जिससे शहर और आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। गंगा के जलस्तर में हर चार घंटे में 4 से 8 सेंटीमीटर तक वृद्धि हो रही है, जबकि यमुना का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, गंगा का जलस्तर फिलहाल 79 मीटर तक पहुंच चुका है, जो डेंजर लेवल से 5 मीटर नीचे है। यदि जलस्तर में और बढ़ोतरी होती है तो अगले 6 से 7 दिनों में यह डेंजर लेवल तक पहुंच सकता है।
गंगा और यमुना का जलस्तर बढ़ने से आसपास के क्षेत्रों में खतरा
प्रयागराज के विभिन्न घाटों, जैसे रामघाट, दशाश्वमेघ और दारागंज घाट पर भी जलस्तर में तेजी से वृद्धि देखने को मिल रही है। इन इलाकों में रहने वाले लोग अब अपने घरों और संपत्ति को लेकर चिंतित हैं। गंगा के जलस्तर का बढ़ना और यमुना के जलस्तर में वृद्धि बाढ़ की गंभीर स्थिति पैदा कर सकती है, जिससे आसपास के गांवों और क्षेत्रों में पानी घुसने का खतरा उत्पन्न हो गया है।
सरकारी अधिकारियों की सक्रियता और बाढ़ शरणालयों की व्यवस्था
प्रभावित क्षेत्रों में स्थिति पर नजर रखने के लिए प्रशासन ने सभी एसडीएम और तहसीलदारों को निर्देश दिए हैं कि वे प्रभावित गांवों में प्रतिदिन निरीक्षण करें। इसके साथ ही, अधिकारियों को व्हाट्सएप पर एक विशेष नंबर (7524921390) जारी किया गया है, जिस पर वे अपनी रिपोर्ट साझा कर सकते हैं। सभी तहसीलों में जलभराव वाले क्षेत्रों का खुद निरीक्षण करने और बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए बेहतरीन व्यवस्था करने की सलाह दी गई है। बाढ़ शरणालयों की व्यवस्था में पशुपालन विभाग, राजस्व संबंधित प्राधिकरण, सुरक्षा और प्रकाश व्यवस्था जैसी सुविधाओं को भी सुनिश्चित किया गया है। प्रशासन ने यह भी सुनिश्चित किया है कि बाढ़ वाले क्षेत्रों में कार्यरत अधिकारी और कर्मचारी अपनी ड्यूटी पर पूरी तरह से तैनात रहें।
भूतकाल में बाढ़ की स्थिति और उसकी पुनरावृत्ति का खतरा
प्रयागराज में पहले भी गंगा और यमुना के जलस्तर में वृद्धि की वजह से गंभीर बाढ़ की घटनाएं हो चुकी हैं। 1978, 2013 और 2019 में गंगा और यमुना ने अपने खतरे के निशान को पार किया था, जिसके परिणामस्वरूप शहर के कई इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया था। इन घटनाओं में हजारों लोग प्रभावित हुए थे और कई परिवारों को राहत कैंपों में शरण लेनी पड़ी थी।
आगामी दिनों के लिए अलर्ट और तैयारी
जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग ने बाढ़ से बचाव के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए हैं, लेकिन यदि जलस्तर में और वृद्धि होती है तो स्थिति गंभीर हो सकती है। खासकर यमुना के किनारे स्थित इलाकों जैसे सदियापुर, ककरहा घाट, बक्शी मोढ़ा, करैलाबाग, हड्डी गोदाम, करेली, गौशनगर, आजाद नगर और इस्लाम नगर में बाढ़ का पानी आने की संभावना बनी हुई है।