Kaushambi News: CID अफसर बनकर डिजिटल अरेस्ट करने वाली गैंग का भंडाफोड़, कौशाम्बी पुलिस ने चार अभियुक्तों को दबोचा

सीआईडी अधिकारी बनकर लोगों को डिजिटल अरेस्ट करने तथा पोर्न वीडियो देखने के नाम पर फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी देकर ठगी करने वाली अंतर्राज्यीय गैंग का खुलासा कर चार को गिरफ्तार किया गया है। पढ़ें पूरी खबर

Post Published By: Deepika Tiwari
Updated : 8 September 2025, 4:31 PM IST
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UP Crime:  कौशाम्बी जनपद पुलिस ने साइबर अपराध के क्षेत्र में बड़ी सफलता हांसिल की है। सीबीआई और सीआईडी अधिकारी बनकर लोगों को डिजिटल अरेस्ट करने और पोर्न वीडियो देखने के नाम पर फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी देकर ठगी करते थे।  ऐसे में  पुलिस ने  अंतर्राज्यीय गैंग का खुलासा कर चार शातिर बदमाशों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने इन अपराधियों को मध्यप्रदेश के कटनी जिले से दबोचकर ट्रांजिट रिमांड पर कौशाम्बी लाकर जेल भेज दिया।

क्या है पूरा मामला

मामला सराय अकिल थाना क्षेत्र के ग्राम अकबराबाद का है। यहां के रहने वाले सुनील कुमार गुप्ता ने साइबर थाना में तहरीर दी थी कि 15 से 25 अगस्त 2025 के बीच उनके मोबाइल पर कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने पोर्न वीडियो देखा है और इसके लिए उनके खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा। इतना ही नहीं, उन्हें डिजिटल अरेस्ट की धमकी भी दी गई और फर्जी मुकदमे से बचाने के नाम पर अलग-अलग खातों में कुल 31,500 रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर करा लिए गए। शिकायत के आधार पर साइबर थाना कौशाम्बी में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की गई।

सेल को आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए सख्त निर्देश

घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार ने साइबर क्राइम थाना और जनपदीय साइबर सेल को आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए सख्त निर्देश दिए। तकनीकी जांच और इलेक्ट्रॉनिक अभिलेखों के आधार पर पुलिस टीम ने मध्यप्रदेश के कटनी जिले में दबिश दी और वहां से चार शातिर अभियुक्तों को गिरफ्तार किया। पूछताछ में खुलासा हुआ कि यह गिरोह लंबे समय से देशभर में सक्रिय है और अब तक करीब 43 लाख रुपये की ठगी कर चुका है। यह गैंग लोगों को डराने के लिए गूगल से अधिकारियों की वर्दी में फोटो डाउनलोड कर उसे व्हाट्सएप डीपी पर लगाता था। इसके बाद सीबीआई या सीआईडी अधिकारी बनकर कॉल करता और पोर्न वीडियो देखने व फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी देता था। घबराए हुए लोग रकम ट्रांसफर कर देते थे।

सिम कार्ड खरीदते और बैंक खातों का इस्तेमाल

गिरफ्तार अपराधियों ने यह भी बताया कि वे फर्जी नाम-पते से सिम कार्ड खरीदते और बैंक खातों का इस्तेमाल करते थे। मोबाइल फोन फाइनेंस पर लेकर अपने सरगना रशीद को सौंपते थे, जो मास्टरमाइंड की भूमिका निभाता था। उसी के जरिए लोगों को धमकाकर मोटी रकम ऐंठी जाती थी। पुलिस ने बताया कि इस गैंग ने केवल कौशाम्बी ही नहीं बल्कि राजस्थान, दिल्ली, पंजाब और कई अन्य राज्यों में भी ठगी की घटनाओं को अंजाम दिया है। इस पूरे मामले का खुलासा मंझनपुर पुलिस कार्यालय स्थित दुर्गा भाभी सभागार में एसपी ने किया है।

 

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