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ग्राम पंचायत अधिकारी व ग्राम विकास अधिकारी एसोसिएशन, कानपुर देहात ने डीएम और सीडीओ को ज्ञापन देकर कहा कि 3 नवंबर 2025 के शासनादेश अनुसार पंचायत सचिवों की ऑनलाइन उपस्थिति अनिवार्य करना वर्तमान कार्य परिस्थितियों में अव्यवहारिक है।
साइकिलों पर सवार हुए पंचायत सचिव
Kanpur Dehat: ग्राम पंचायत अधिकारी संघ–ग्राम विकास अधिकारी एसोसिएशन समन्वय समिति कानपुर देहात की ओर से जिलाधिकारी कपिल सिंह और मुख्य विकास अधिकारी लक्ष्मी एन को संबोधित ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में कहा गया है कि शासनादेश दिनांक 03 नवंबर 2025 के अनुसार पंचायत सचिवों की उपस्थिति ऑनलाइन किए जाने का आदेश जारी हुआ है, जो वर्तमान कार्य परिस्थितियों में पूर्णतः अव्यवहारिक है।
संगठन का दावा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क समस्या, कार्य का फील्ड-आधारित स्वरूप और तकनीकी दिक्कतों के कारण ऑनलाइन उपस्थिति न केवल शासकीय कार्यों में बाधा उत्पन्न कर रही है, बल्कि इससे कार्य प्रणाली प्रभावित हो रही है। ऑनलाइन उपस्थिति व्यवस्था के विरोध में पंचायत सचिवों द्वारा सत्याग्रह आंदोलन जारी है।
इसी क्रम में गुरुवार को जिले के संदलपुर ब्लॉक में तैनात सभी पंचायत सचिवों ने अनोखे तरीके से विरोध दर्ज कराया। संगठन ने बताया कि शासन द्वारा पंचायत सचिवों को मात्र 200 रुपये वाहन भत्ता दिया जा रहा है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक क्षेत्रफल में किए जाने वाले सरकारी कार्यों के अनुपात में अत्यंत कम है। इस मुद्दे को उजागर करने के लिए जिलाध्यक्ष अनुराग त्रिवेदी, महामंत्री आशीष कुमार मिश्रा, संगठन मंत्री कृष्ण मोहन यादव, कोषाध्यक्ष विवेक कुमार सहित सभी पंचायत सचिवों ने साइकिल चलाकर सरकारी कार्य संपादित किया।
साइकिल पर सवार होकर सरकारी कार्य करते सचिव अनुराग त्रिवेदी
पंचायत सचिवों ने मीडिया से बातचीत के दौरान कही बड़ी बात
सचिवों का कहना है कि बढ़ती महंगाई और लगातार फील्ड विजिट की आवश्यकता को देखते हुए 200 रुपये का वाहन भत्ता व्यावहारिक नहीं है। ऐसे में साइकिल से सरकारी कार्य करना ही एकमात्र विकल्प बचता है, जिसे उन्होंने विरोध के प्रतीक के रूप में अपनाया है। संगठन ने मांग की है कि शासन तत्काल ऑनलाइन उपस्थिति प्रणाली पर पुनर्विचार करे और वाहन भत्ते में यथोचित वृद्धि की जाए, जिससे सचिव बिना परेशान हुए अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर सकें।