Jalaun News: ग्राम पंचायत औंता में कब्रिस्तान की जमीन पर अवैध कब्जे का आरोप, मुस्लिम समाज ने प्रशासन को सौंपा ज्ञापन

जालौन के ग्राम पंचायत औंता के मुस्लिम समाज के दर्जनों लोगों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर प्रशासन को एक ज्ञापन सौंपा। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: Nidhi Kushwaha
Updated : 23 May 2025, 4:11 PM IST
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जालौन: यूपी के जालौन जिले के तहसील उरई के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत औंता के मुस्लिम समाज के दर्जनों लोगों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर प्रशासन को एक ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में उन्होंने गांव के कब्रिस्तान की जमीन पर अवैध कब्जे का गंभीर आरोप लगाया है। ग्रामवासियों ने प्रशासन से इस मामले में तत्काल कार्रवाई की मांग की है ताकि कब्रिस्तान की जमीन को अतिक्रमण से बचाया जा सके और भविष्य में किसी भी तरह के विवाद से बचा जा सके।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, ज्ञापन सौंपने वालों में मुजीब, अहमद रजा, परवेज आलम, मोहम्मद डवेरा, शरीफ, नजर मुहम्मद, शाहरुख खान और जाबिर खान सहित कई अन्य ग्रामवासी शामिल थे। इन लोगों ने अपने ज्ञापन में बताया कि ग्राम औंता में गाटा संख्या 400 के तहत 0.3220 हेक्टेयर जमीन कब्रिस्तान के रूप में दर्ज है। यह कब्रिस्तान नक्शे और खसरा-खतौनी में स्पष्ट रूप से दर्ज है। ग्रामवासियों का कहना है कि यह कब्रिस्तान पीढ़ियों से मुस्लिम समुदाय के अंतिम संस्कार के लिए उपयोग में लाया जा रहा है। उनके पूर्वज भी इसी कब्रिस्तान में दफनाए गए हैं और यह स्थान उनके लिए धार्मिक और भावनात्मक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है।

ग्रामीणों ने लगाया आरोप

हालांकि, ग्रामवासियों ने आरोप लगाया कि कब्रिस्तान के आसपास के कुछ काश्तकार इस जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इन काश्तकारों ने कब्रिस्तान की जमीन को अपने खेतों में मिला लिया है और वहां जोत-बखर कर खेती शुरू कर दी है। इस अतिक्रमण के कारण कब्रिस्तान का क्षेत्रफल लगातार कम हो रहा है और कब्रिस्तान तक पहुंचने का रास्ता भी बाधित हो गया है। ग्रामवासियों ने चिंता जताई कि अगर इस स्थिति पर समय रहते नियंत्रण नहीं किया गया, तो यह भविष्य में गंभीर विवाद का कारण बन सकता है।

मुस्लिम समाज के लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि कब्रिस्तान की जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराया जाए और इसकी मूल स्थिति को बहाल किया जाए। उन्होंने यह भी अनुरोध किया कि कब्रिस्तान तक पहुंचने वाले रास्ते को फिर से खोला जाए ताकि समुदाय के लोग अपने धार्मिक संस्कार बिना किसी बाधा के पूरे कर सकें। ग्रामवासियों ने प्रशासन से इस मामले की गंभीरता को समझते हुए त्वरित कार्रवाई करने की अपील की है।

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