

बलिया के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजीव वर्मन ने अमृत फार्मेसी बांसडीह के संचालक अजय तिवारी के खिलाफ आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया है। यहां जानें पूरा मामला
अमृत फार्मेसी (सोर्स- इंटरनेट)
Ballia: उत्तर प्रदेश के जनपद बलिया से एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजीव वर्मन ने साइबर क्राइम थाना में तहरीर देकर अमृत फार्मेसी बांसडीह के संचालक अजय तिवारी के खिलाफ आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया है। बता दें कि डॉ. संजीव वर्मन का आरोप है कि उनके बैंक खाता में बिना जानकारी के पैसे भेजे गए हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के मुताबिक सीएमओ डॉ. वर्मन ने साइबर थाने में दिए तहरीर में उल्लेख किया है कि डीएम के निर्देश पर उन्होंने बांसडीह सीएचसी में अमृत फार्मेसी की कार्यप्रणाली की जांच के लिए एक तीन- सदस्यीय समिति का गठन किया था। जिसके बदा जांच समिति के अध्यक्ष डॉ. विजय यादव ने 23 जून को फार्मेसी के प्रभारी संजय तिवारी को बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया था।
डॉ. तिवारी के भाई का बड़ा दावा
बयान दर्ज करवाने के दौरान डॉ. संजय तिवारी के साथ उनके भाई अजय तिवारी भी मौजूद थे। अजय तिवारी ने समिति को बताया कि अमृत फार्मेसी से संबंधित मामला पहले से ही विजिलेंस द्वारा देखा जा रहा है, इसलिए विभागीय जांच की आवश्यकता नहीं है। इसी बातचीत के दौरान, उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्होंने सीएमओ को 10 हजार रुपये दिए हैं।
दो बार की पेमेंट
समिति के द्वारा जानकारी मिलने पर अपने बैंक खाते का मैंने विवरण निकलवाया तो पता चला कि 11 जून 2025 को उनकी सहमति या अनुमति के बिना उनके सार्वजनिक रूप से उपलब्ध यूपीआई नंबर पर दो बार पैसे भेजे गए थे। पहली बार 500 रुपये और दूसरी बार 10,000 रुपये का भेजा हुआ है।
सीएमओ ने अजय तिवारी पर लगाया गंभीर आरोप
इस पर सीएमओ ने स्पष्ट किया है कि बांसडीह सीएचसी परिसर में चल रही अमृत फार्मेसी एक गैरकानूनी मेडिकल स्टोर है। उन्होंने आरोप लगाया कि श्रीराम विद्यापीठ ट्रस्ट से जुड़े अजय तिवारी ने जान बूझकर साजिश के तहत यह कृत्य किया है। उनका मकसद मुझ पर दबाव बनाना और फंसाना था, ताकि अवैध रूप से चल रही फार्मेसी का संचालन जारी रखा जा सके। सीएमओ डॉ. संजीव वर्मन की तहरीर पर पुलिस ने अजय तिवारी के खिलाफ आईटी एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई आरम्भ कर दिया है।