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गोरखपुर में विरासत गलियारा परियोजना का डीएम और एसएसपी ने किया स्थलीय निरीक्षण। निर्माण कार्यों, नाला, बिजली और यातायात व्यवस्थाओं की समीक्षा कर अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए। प्रशासन ने चेताया कि लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी और परियोजना को आदर्श बनाने पर जोर रहेगा।
विरासत गलियारा परियोजना
Gorakhpur: शहर की महत्वाकांक्षी विरासत गलियारा परियोजना को लेकर प्रशासन ने सख्त रूख अपनाया है। निर्माण कार्यों की प्रगति और आमजन को हो रही परेशानियों को देखते हुए जिलाधिकारी दीपक मीणा और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राज करन नय्यर ने सोमवार को संयुक्त रूप से स्थलीय निरीक्षण किया।
डीएम दीपक मीणा ने स्पष्ट किया कि विरासत गलियारा गोरखपुर की पहचान और भविष्य से जुड़ी परियोजना है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना में गुणवत्ता, समयबद्धता और जनता की सुविधा के मामले में कोई समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने लोक निर्माण विभाग और नगर निगम के अधिकारियों को निर्देशित किया कि नाला निर्माण इस तरह किया जाए कि बरसात में जलभराव की समस्या न हो और स्थानीय लोगों को आने-जाने में किसी तरह की दिक्कत न झेलनी पड़े।
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निर्माण कार्यों के दौरान सुरक्षा मानकों पर डीएम ने विशेष जोर दिया। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि निर्माण स्थलों पर बैरिकेडिंग, चेतावनी बोर्ड और वैकल्पिक मार्गों की पूर्व सूचना अनिवार्य रूप से दी जाए। बिजली और पानी की आपूर्ति बाधित होने की शिकायतों पर उन्होंने संबंधित विभागों को तत्काल समाधान सुनिश्चित करने के लिए कहा।
एसएसपी राज करन नय्यर ने निरीक्षण के दौरान यातायात और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य के कारण शहर की यातायात व्यवस्था प्रभावित नहीं होनी चाहिए। इसके लिए पुलिस और प्रशासन के बीच बेहतर समन्वय जरूरी है। एसएसपी ने निर्देश दिए कि भीड़भाड़ वाले इलाकों में विशेष सतर्कता बरती जाए और यातायात सुचारु रखने के लिए अतिरिक्त इंतजाम किए जाएं।
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निरीक्षण में एडीएम प्रशासन सहदेव मिश्र, एसडीएम सदर दीपक गुप्ता, अपर नगर आयुक्त दुर्गेश मिश्रा, तहसीलदार सदर ज्ञान प्रताप सिंह, सीओ कोतवाली ओमकार दत्त तिवारी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे। डीएम ने सभी अधिकारियों को नियमित मॉनिटरिंग और जवाबदेही के निर्देश दिए।