

कीर्ति कृष्णा बाल चिकित्सालय में आग बुझने के बाद चिकित्सालय की जांच हुई तो जांच में चौंकाने बाला खुलासा हुआ है।
आग के बाद हॉस्पिटल धुआं धुआं
Hardoi News: नघेटा रोड स्थिति कीर्ति कृष्णा बाल चिकित्सालय में आग बुझने के बाद चिकित्सालय की जांच हुई तो जांच में चौंकाने बाला खुलासा हुआ है। हालांकि अधिकारी मामले पर पर्दा डाल रहे हैं, हरदोई के कीर्ति कृष्ण बाल चिकित्सालय में कल शॉर्ट सर्किट के चलते आग लग गई थी जिसके बाद फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड ने आग को बुझा दिया।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के मुताबिक, वहीं अधिकारी मामले की जांच करने पहुंचे तो हॉस्पिटल के बेसमेंट का नजारा सभी को चौंकाने बाला था क्योंकि अस्पताल के बेसमेंट में एक एक्सरे मशीन लगी हुई थी वहीं बेसमेंट में एक लैब भी बनाई गई थी। जोकि बिना मानक और बिना लाइसेंस के संचालित होने की जानकारी सामने आई है। लेकिन इस मामले पर कोई भी अधिकारी बोलने से कतरा रहा है। डॉ सीके गुप्ता द्वारा यह चिकित्सालय संचालित किया जा रहा है, यहां बच्चों का इलाज होता है जिसके चलते जब आग लगी तो कई बच्चे यहां भर्ती थे लेकिन परिजनों और स्थानीय लोगों द्वारा किसी तरह बच्चों को सुरक्षित बचाया गया।
बेसमेंट में एक एक्सरे मशीन
कल जिस कीर्ति कृष्णा बाल चिकित्सालय में आग लगने की घटना सामने आई थी उसकी जब जांच शुरू हुई तो चौंकाने वाले मामले सामने आ रहे हैं हॉस्पिटल के बेसमेंट से आग फैली थी, उसकी जब जांच की गई तो पता चला कि बेसमेंट में एक एक्सरे मशीन लगी हुई थी वहीं एक लैब भी बनी हुई थी जबकि एक्सरे मशीन की कोई भी लाइसेंस हॉस्पिटल के पास नहीं है,
हॉस्पिटल को सील कर दिया गया
विशेष सूत्रों से मिली जानकारी से पता चला है कि स्वास्थ्य विभाग के कुछ अधिकारियों की सह पर अवैध रूप से एक्सरे मशीन संचालित की जा रही थी जबकि हॉस्पिटल में कोई भी टेक्नीशियन की नियुक्ति नहीं है और न ही अस्पताल के पास एक्सरे मशीन का कोई लाइसेंस था, हालांकि मानकों के विपरीत हॉस्पिटल संचालन पर कार्यवाही करते हुए हॉस्पिटल को सील कर दिया गया है और हॉस्पिटल संचालक के खिलाफ FIR दर्ज करने के आदेश जिलाधिकारी की तरफ से दे दिए गए हैं।
सुरक्षा मानकों को लेकर NOC जारी
लेकिन बड़ा सवाल यह है कि शहर के बीच बिना मानक के हॉस्पिटल संचालित हो रहा था और कभी किसी अधिकारी की नजर क्यों नहीं पड़ी जबकि स्वास्थ्य विभाग और फायर विभाग द्वारा समय समय पर जांच के निर्देश रहते हैं और फायर विभाग को सुरक्षा मानकों को लेकर NOC जारी करनी होती है। हालांकि अब जिलाधिकारी के निर्देश के बाद फायर विभाग और स्वास्थ्य विभाग जनपद में चल रहे अस्पतालों की नियमित जांच करेगा और मानकों को पूरा न कर पाने वाले अस्पतालों के खिलाफ कार्यवाही भी की जाएगी।