

गोला तहसील मुख्यालय से होकर रावत पार तक जाने वाली प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत बनी सड़क इन दिनों बदहाल स्थिति में पहुंच चुकी है। बरसात शुरू होते ही सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं। विशेषकर प्राथमिक विद्यालय खदरा के सामने बने गड्ढे में जल जमाव ने राहगीरों और स्कूली बच्चों के लिए गंभीर समस्या खड़ी कर दी है।
बारिश के बाद जलभराव
Gorakhpur: गोरखपुर गोला तहसील मुख्यालय से होकर रावत पार तक जाने वाली प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत बनी सड़क इन दिनों बदहाल स्थिति में पहुंच चुकी है। बरसात शुरू होते ही सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं। विशेषकर प्राथमिक विद्यालय खदरा के सामने बने गड्ढे में जल जमाव ने राहगीरों और स्कूली बच्चों के लिए गंभीर समस्या खड़ी कर दी है। स्थिति यह है कि बारिश के समय वहां से गुजरना किसी चुनौती से कम नहीं है।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि सड़क का मरम्मत कार्य महज छह माह पूर्व ही कराया गया था। इसके बावजूद आज हालात इतने खराब हो गए हैं कि सड़क पर जगह-जगह गड्ढे बन गए हैं। वजह सिर्फ यही है कि सड़क के किनारे जल निकासी की कोई ठोस व्यवस्था नहीं की गई। परसिया हरिजन बस्ती से लेकर खदरा के बेलदार नगर तक सड़क पर बारिश का पानी जमा हो रहा है और धीरे-धीरे डामर उखड़ने लगा है।
खदरा के पूर्व प्रधान श्याम बिहारी मिश्र ने बताया कि यदि सड़क के दोनों तरफ नाला बनवा दिया जाए तो जल जमाव की समस्या स्वतः खत्म हो जाएगी। उन्होंने कहा कि हर साल बारिश में सड़क टूट जाती है और फिर मरम्मत का नाम लेकर पैसा खर्च किया जाता है, लेकिन स्थायी समाधान अब तक नहीं निकाला गया। रंजीत और अन्य ग्रामीणों का कहना है कि इस लापरवाही के कारण बच्चों की सुरक्षा खतरे में है। कई बार साइकिल और मोटरसाइकिल सवार गड्ढों में फिसल कर घायल हो चुके हैं।
सड़क पर बने गड्ढों को लेकर अभिभावक भी चिंतित हैं। उनका कहना है कि सुबह-शाम स्कूल जाने वाले छोटे बच्चों के लिए यह सड़क दुर्घटना का बड़ा खतरा साबित हो रही है। बरसात के दिनों में गड्ढों में पानी भर जाने से राहगीर अंदाजा नहीं लगा पाते और हादसे का शिकार हो जाते हैं।
ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से तत्काल संज्ञान लेने की मांग की है। उनका कहना है कि सड़क की समय रहते मरम्मत न होने पर यह पूरी तरह जर्जर हो जाएगी। साथ ही, जल निकासी की व्यवस्था किए बिना मरम्मत करना केवल खानापूरी साबित होगी। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन जल्द ठोस कदम नहीं उठाता तो वे आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।