Gorakhpur News: अपहरण के दो दोषियों को 5 साल की सजा, 8000 रुपये का जुर्माना

गोरखपुर में 20 साल पुराने अपहरण मामले में दो अभियुक्तों को 5 साल की सजा सुनाई गई है। पुलिस और न्यायिक व्यवस्था की सख्ती ने एक बार फिर अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया।

Post Published By: Jay Chauhan
Updated : 15 July 2025, 1:26 AM IST
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Gorakhpur:  जिले में ऑपरेशन कनविक्शन के तहत पुलिस और न्यायिक व्यवस्था की सख्ती ने एक बार फिर अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया। वर्ष 2005 में थाना खोराबार में पंजीकृत अपहरण के एक चर्चित मामले में माननीय न्यायालय, गोरखपुर ने दो अभियुक्तों, दारे पुत्र शंकर पटेल और कुमारी मिंटू पुत्री शंकर पटेल, निवासी रामपुर, थाना खोराबार, को दोषी करार देते हुए 5 वर्ष के सश्रम कारावास और 8000-8000 रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई।

जानकारी के अनुसार यह फैसला माननीय न्यायालय ASJ/FTC-1, गोरखपुर द्वारा मुकदमा संख्या 320/2005, धारा 363 और 366 भादवि के तहत सुनाया गया।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक के निर्देशन में चलाए जा रहे “ऑपरेशन कनविक्शन” अभियान का यह एक और बड़ा परिणाम है। इस अभियान के तहत पुराने और गंभीर मामलों में प्रभावी पैरवी और त्वरित कार्रवाई पर जोर दिया जा रहा है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, गोरखपुर के कुशल नेतृत्व में थाना खोराबार के थानाध्यक्ष, पैरोकार और मॉनिटरिंग सेल की टीम ने इस मामले में सक्रियता दिखाई।

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उनकी मेहनत और समन्वित प्रयासों से अभियुक्तों को सजा दिलाने में सफलता मिली।

इस मामले में अतिरिक्त जिला सरकारी अधिवक्ता (ADGC) श्री रमेश चन्द्र पाण्डेय और श्री सिद्धार्थ सिंह की प्रभावी पैरवी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी कानूनी विशेषज्ञता और तर्कों ने अभियुक्तों के खिलाफ मजबूत सबूत पेश करने में मदद की, जिसके आधार पर न्यायालय ने यह कठोर फैसला सुनाया।

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वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राज करन नय्यर ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि अपराधियों को सजा दिलाने के लिए पुलिस और अभियोजन की संयुक्त टीमें लगातार काम कर रही हैं। यह फैसला न केवल पीड़ित परिवार को न्याय दिलाता है, बल्कि समाज में यह संदेश भी देता है कि अपराध का कोई भी रूप बख्शा नहीं जाएगा।

“ऑपरेशन कनविक्शन” के तहत गोरखपुर पुलिस और अभियोजन विभाग की यह सफलता अन्य मामलों में भी तेजी लाने के लिए प्रेरित करेगी।

स्थानीय लोगों ने इस फैसले का स्वागत किया है और पुलिस की सक्रियता की सराहना की है। यह मामला गोरखपुर पुलिस की प्रतिबद्धता और अपराध के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को दर्शाता है।

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