ग्रामीण खेल संस्कृति को जीवंत बनाए रखने की मिसाल पेश करते हुए खजनी क्षेत्र के खुटभार गांव स्थित स्वर्गीय तेरस पहलवान व्यायामशाला में राष्ट्रीय पहलवान गिरधारी के जन्मदिन के अवसर पर “गोरखपुर कुमार” कुश्ती प्रतियोगिता का भव्य आयोजन किया गया।

गोरखपुर में कुश्ती प्रतियोगिता का भव्य आयोजन
Gorakhpur: ग्रामीण खेल संस्कृति को जीवंत बनाए रखने की मिसाल पेश करते हुए खजनी क्षेत्र के खुटभार गांव स्थित स्वर्गीय तेरस पहलवान व्यायामशाला में राष्ट्रीय पहलवान गिरधारी के जन्मदिन के अवसर पर “गोरखपुर कुमार” कुश्ती प्रतियोगिता का भव्य आयोजन किया गया।
इस आयोजन में क्षेत्रीय ही नहीं बल्कि दूर-दराज से आए पहलवानों ने दमखम दिखाया। पूरे दिन चले इस दंगल में कुल 25 जोड़ कुश्तियां कराई गईं, जिन्हें देखने के लिए बड़ी संख्या में खेल प्रेमी मौजूद रहे।
प्रतियोगिता का शुभारंभ राष्ट्रीय पहलवान गिरधारी ने पहलवानों का आपस में हाथ मिलवाकर किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि “लगन और परिश्रम से किया गया प्रयास कभी व्यर्थ नहीं जाता। चाहे पहलवानी हो या पढ़ाई-मेहनत से हर क्षेत्र में सफलता मिलती है।
कुश्ती हमारी माटी की कला है, जो आज धीरे-धीरे विलुप्त हो रही है। हम सभी का दायित्व है कि इसे जीवित रखें ताकि गांव-देहात से भी प्रतिभाएं आगे आएं और क्षेत्र का नाम रोशन करें।” उनके संबोधन ने युवा पहलवानों में नई ऊर्जा भर दी।
रोमांचक मुकाबलों के बाद बलवंत चतुरबन्दुआरी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए जिला कुमार का खिताब अपने नाम किया। वहीं गोपाल खुटभार ने उपविजेता बनकर उप कुमार का स्थान हासिल किया, जबकि भोलू ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। हर मुकाबले में दर्शकों की तालियों और उत्साह से अखाड़ा गूंजता रहा।
मुख्य अतिथियों में पिंटू शुक्ला, जे.डी. महेश तिवारी, नितेश शुक्ला, हरेंद्र यादव, संदीप, सुदामा यादव, प्रदीप, विनोद, वेद पहलवान, रमाकांत, गौरव, लक्ष्मण, वैजनाथ, अमन, राजकमल पहलवान सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे। अतिथियों ने पहलवानों का हाथ मिलवाकर उनका मनोबल बढ़ाया।
कुश्तियों में अरुण पाल ने राज यादव को, रिंकू ने विनय पासवान को, सचिन ने सत्येंद्र को, संदीप ने निखिल को, रमन ने पन्नेलाल को, अंशु ने राजकुमार को, आकाश ने नितेश को, अजय ने सूरज को, गोलू ने श्रेयांश को और देवेश ने ध्रुव को पराजित किया। रेफरी की भूमिका में श्याम पाल रहे।
Noida Expressway: स्पीड बढ़ाने पर घर पहुंचेगा चालान, इन 5 रूट्स को लेकर बड़ा फैसला
अखाड़े के गुरु राष्ट्रीय पहलवान सुदामा यादव ने सभी अतिथियों का माला और साफा बांधकर स्वागत किया। आयोजन ने एक बार फिर साबित कर दिया कि ग्रामीण क्षेत्रों में कुश्ती आज भी लोगों के दिलों में बसती है और सही मंच मिलने पर यह परंपरा नई पीढ़ी तक मजबूती से पहुंच सकती है।