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गोरखपुर: आत्महत्या के दुष्प्रेरण में दोषी सुनील गुप्ता को 5 साल की सजा, 20 हजार रुपये का जुर्माना

आत्महत्या के दुष्प्रेरण के एक पुराने मामले में गोरखपुर की अदालत ने दोषी पाए गए अभियुक्त को 5 वर्ष की सजा और 20 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया है। यह कार्रवाई पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश द्वारा चलाए जा रहे “ऑपरेशन कनविक्शन” के तहत गोरखपुर पुलिस की प्रभावी पैरवी और त्वरित कार्रवाई के चलते संभव हो सकी है।
Post Published By: Poonam Rajput
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गोरखपुर: आत्महत्या के दुष्प्रेरण में दोषी सुनील गुप्ता को 5 साल की सजा, 20 हजार रुपये का जुर्माना

Gorakhpur: आत्महत्या के दुष्प्रेरण के एक पुराने मामले में गोरखपुर की अदालत ने दोषी पाए गए अभियुक्त को 5 वर्ष की सजा और 20 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया है। यह कार्रवाई पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश द्वारा चलाए जा रहे “ऑपरेशन कनविक्शन” के तहत गोरखपुर पुलिस की प्रभावी पैरवी और त्वरित कार्रवाई के चलते संभव हो सकी है।

क्या है पूरा मामला

डाइनामाइट न्यूज संवादाता अनुसार मामला थाना सिकरीगंज क्षेत्र का है, जहां वर्ष 2024 में मुकदमा अपराध संख्या 132/2024, धारा 306 भादवि में आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज हुआ था। अभियुक्त सुनील गुप्ता पुत्र छोटेलाल गुप्ता निवासी मठिया शुक्ल, थाना सिकरीगंज पर आरोप था कि उसने पीड़ित को मानसिक प्रताड़ना और दबाव डालकर आत्महत्या के लिए मजबूर किया। विवेचक उप निरीक्षक आदित्य उपाध्याय, थाने के पैरोकार और मॉनिटरिंग सेल की सटीक मॉनिटरिंग और मजबूत पैरवी के चलते यह मामला अदालत तक सटीक तथ्यों के साथ पहुंचा।

अभियुक्त को भुगतना होगा अतिरिक्त कारावास 

अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश भ्र0नि0अधि0 कोर्ट सं0-04, गोरखपुर ने मामले की गंभीरता को देखते हुए अभियुक्त को दोषी करार देते हुए 5 वर्ष के कठोर कारावास और 20,000 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। जुर्माने की राशि न अदा करने पर अभियुक्त को अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

न्यायालय ने त्वरित निर्णय सुनाया

गोरखपुर पुलिस ने इस निर्णय को “न्याय की जीत” बताया है और कहा कि ऑपरेशन कनविक्शन के तहत गोरखपुर पुलिस अपराधियों को सजा दिलाने के लिए साक्ष्य संकलन और पैरवी को मजबूत करने का लगातार प्रयास कर रही है। इस मामले में एडीजीसी धर्मेंद्र कुमार दूबे और एडीजीसी अतुल कुमार शुक्ला ने प्रभावी तरीके से पक्ष रखते हुए अभियोजन को मजबूती दी, जिसके चलते न्यायालय ने त्वरित निर्णय सुनाया।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गोरखपुर ने कहा कि अपराधियों को जल्द सजा दिलाना पुलिस का प्राथमिक लक्ष्य है ताकि पीड़ित पक्ष को न्याय मिल सके और समाज में अपराधियों में भय का माहौल रहे। गोरखपुर पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि यदि कोई व्यक्ति उन्हें किसी भी प्रकार से मानसिक प्रताड़ना दे रहा हो, तो बिना हिचक थाने में आकर शिकायत दर्ज कराएं। पुलिस उनके साथ खड़ी है और कानून का सहारा लेकर अपराधियों को सजा दिलाई जाएगी।

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