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गोरखपुर के पिपराइच क्षेत्र में स्थित संकट मोचन हनुमान मंदिर में सोमवार शाम एक चौंकाने वाली घटना ने सभी का ध्यान खींचा। 35 वर्षीय उमेश यादव नामक व्यक्ति ने कथित तौर पर मंदिर में ‘आरती’ के दौरान महिलाओं पर मांस के टुकड़े फेंके, जिससे श्रद्धालुओं में हड़कंप मच गया।
हनुमान मंदिर में हड़कंप
Gorakhpur: गोरखपुर के पिपराइच क्षेत्र में स्थित संकट मोचन हनुमान मंदिर में सोमवार शाम एक चौंकाने वाली घटना ने सभी का ध्यान खींचा। 35 वर्षीय उमेश यादव नामक व्यक्ति ने कथित तौर पर मंदिर में 'आरती' के दौरान महिलाओं पर मांस के टुकड़े फेंके, जिससे श्रद्धालुओं में हड़कंप मच गया। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को हिरासत में ले लिया और उसके खिलाफ धारा 295A (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना), धारा 153A (सार्वजनिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास), और धारा 504 (जानबूझकर अपमान करना) के तहत मामला दर्ज किया।
यह घटना पिपराइच रेलवे स्टेशन के पास स्थित संकट मोचन हनुमान मंदिर में हुई। स्थानीय लोगों ने आरोपी उमेश यादव को पकड़कर उसकी पिटाई की और उसे पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस के अनुसार, उमेश नशे में धुत प्रतीत हो रहा था और उसने पूछताछ में बार-बार अपने बयान बदले। एक बयान में उसने दावा किया कि एक स्थानीय मांस विक्रेता ने उसे ऐसा करने के लिए उकसाया।चौरी चौरा सर्किल ऑफिसर अनुराग सिंह ने बताया कि मामले की गहन जांच जारी है और इसमें किसी साजिश की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा रहा।
घटना के बाद प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए तुरंत कदम उठाए: अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती: मंदिर और आसपास के क्षेत्रों में शांति बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया।फ्लैग मार्च: समुदाय में सुरक्षा का भरोसा बढ़ाने के लिए पुलिस ने क्षेत्र में फ्लैग मार्च किया।
धर्मगुरुओं और स्थानीय नेताओं ने शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील की। घटना के बाद मंदिर परिसर में मौजूद श्रद्धालुओं ने पुलिस और प्रशासन का पूरा सहयोग किया, जिससे स्थिति जल्द ही नियंत्रण में आ गई। यह सामाजिक एकता और कानून पर भरोसे का एक शानदार उदाहरण है।
पिपराइच का संकट मोचन हनुमान मंदिर एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, जहां विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार को भारी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। इस घटना को केवल एक व्यक्ति की गैर-जिम्मेदार हरकत के रूप में देखा जा रहा है, न कि किसी धार्मिक या सांप्रदायिक विवाद के रूप में। स्थानीय बुजुर्ग रामआवध मिश्र ने कहा, “यह एक व्यक्ति की गलती थी। हमें एकजुट रहकर इंसानियत का सम्मान बनाए रखना चाहिए।”
पुलिस और प्रशासन ने नागरिकों से निम्नलिखित अपील की है:अफवाहों और अनजान सोशल मीडिया पोस्ट/वीडियो को न फैलाएं।केवल आधिकारिक चैनलों और पुलिस द्वारा जारी जानकारी पर भरोसा करें। यदि आपके पास इस घटना से संबंधित कोई जानकारी है, तो पुलिस से संपर्क करें।
पुलिस ने बताया कि उमेश यादव को न्यायिक हिरासत में भेजा जाएगा और उसके नशे की स्थिति की पुष्टि के लिए चिकित्सीय जांच भी कराई जाएगी। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि इस घटना के पीछे कोई बड़ी साजिश तो नहीं थी।
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पिपराइच मंदिर की इस घटना ने एक बार फिर साबित किया कि जब समाज और प्रशासन मिलकर काम करते हैं, तो किसी भी उकसावे वाली घटना को आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है। यह घटना न केवल कानून के प्रति विश्वास को मजबूत करती है, बल्कि सामाजिक समरसता और एकता की मिसाल भी पेश करती है।
पिपराइच की जनता ने अपने धैर्य और समझदारी से यह दिखाया कि समाज में शांति और एकता बनाए रखने की ताकत अभी भी बरकरार है। इस घटना से यह संदेश स्पष्ट है कि गैर-जिम्मेदार हरकतों को उजागर करने और कानून पर भरोसा रखने से किसी भी समस्या का सामना मजबूती से किया जा सकता है।
पुलिस ने इस मामले की जांच को तेज कर दिया है और समुदाय से शांति बनाए रखने की अपील की है। पिपराइच मंदिर की यह घटना न केवल एक चेतावनी है, बल्कि यह भी दिखाती है कि एकजुट समाज और सतर्क प्रशासन किसी भी संकट से निपटने में सक्षम है।