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Gorakhpur News: पुलिस ने भटके मासूम को परिजनों से मिलाया, हुई सराहना

मानवीय संवेदनशीलता और त्वरित कार्रवाई का परिचय देते हुए तिवारीपुर पुलिस ने सोमवार को एक भटके हुए मासूम को उसके परिजनों से मिलाकर सभी का दिल जीत लिया। सात वर्षीय यह बच्चा अपने घर से भटककर मंझरिया क्षेत्र में सड़क किनारे बैठा रो रहा था।
Post Published By: Rohit Goyal
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Gorakhpur News: पुलिस ने भटके मासूम को परिजनों से मिलाया, हुई सराहना

Gorakhpur: गोरखपुर में मानवीय संवेदनशीलता और त्वरित कार्रवाई का परिचय देते हुए तिवारीपुर पुलिस ने सोमवार को एक भटके हुए मासूम को उसके परिजनों से मिलाकर सभी का दिल जीत लिया। सात वर्षीय यह बच्चा अपने घर से भटककर मंझरिया क्षेत्र में सड़क किनारे बैठा रो रहा था।

जानकारी के अनुसार, 12 अगस्त 2025 की दोपहर को थाना तिवारीपुर में सूचना प्राप्त हुई कि एक छोटा बच्चा सड़क किनारे अकेला बैठा है और लगातार रो रहा है। बच्चे की हालत देखकर राहगीरों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। सूचना मिलते ही उपनिरीक्षक रोहित कुमार और कांस्टेबल आनंद कुमार मौके पर पहुंचे और बच्चे को पुलिस सुरक्षा में ले लिया।

पुलिस के मुताबिक, बच्चा घबराहट और डर के कारण अपना नाम-पता स्पष्ट रूप से बताने में असमर्थ था। स्थिति को समझते हुए पुलिस ने बच्चे को भरोसा दिलाया, उसे शांत कराया और उसकी देखभाल शुरू की। इसके बाद बच्चे की पहचान व परिजनों का पता लगाने के लिए पुलिस ने सोशल मीडिया समेत अन्य स्थानीय सूचना तंत्र का सहारा लिया।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गोरखपुर के निर्देश और पुलिस अधीक्षक नगर के मार्गदर्शन में, क्षेत्राधिकारी कोतवाली के पर्यवेक्षण तथा थानाध्यक्ष तिवारीपुर के नेतृत्व में चलाए जा रहे “गुमशुदा बालक-बलिकाओं की त्वरित बरामदगी अभियान” के तहत यह कार्यवाही हुई। पुलिस की सतर्कता और तेजी का नतीजा यह हुआ कि कुछ ही समय में बच्चे के परिजनों का पता लगा लिया गया।

पुलिस ने परिजनों को बुलाकर आवश्यक पहचान और औपचारिकताएं पूरी करने के बाद बच्चे को सकुशल उनके हवाले कर दिया। अपने खोए हुए बच्चे को पाकर परिजनों की आंखें खुशी से भर आईं और उन्होंने पुलिस का तहे दिल से आभार जताया।

इस मानवीय पहल ने एक बार फिर यह साबित किया है कि पुलिस केवल कानून-व्यवस्था बनाए रखने तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज में सुरक्षा, भरोसे और संवेदनशीलता का भी महत्वपूर्ण स्तंभ है। स्थानीय लोगों ने भी तिवारीपुर पुलिस की इस सराहनीय कार्यवाही की प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसी मुस्तैदी और संवेदनशीलता हर थाने में देखने को मिले तो आम जनता का पुलिस पर भरोसा और मजबूत होगा।

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि ऐसे मामलों में त्वरित प्रतिक्रिया और सामुदायिक सहयोग से ही बच्चों को सुरक्षित घर वापस पहुंचाया जा सकता है। तिवारीपुर थाने की यह पहल गोरखपुर पुलिस की मानवता और पेशेवराना अंदाज की मिसाल बन गई है।

 

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