

गोरखपुर की कक्षा 7 की छात्रा पंखुड़ी त्रिपाठी ने जनता दर्शन में अपनी आर्थिक तंगी की कहानी सुनाई। जिलाधिकारी के निर्देश पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने सरस्वती शिशु मंदिर को पत्र लिखकर पंखुड़ी के दाखिले की अपील की है।
सीएम योगी के साथ पंखुड़ी त्रिपाठी
Gorakhpur: एक छोटी सी बच्ची का बड़ा सपना अब सच होने की राह पर है! कक्षा 7 की छात्रा पंखुड़ी त्रिपाठी की आर्थिक तंगी के बावजूद पढ़ाई की ललक ने जिला प्रशासन का दिल जीत लिया। जनता दर्शन कार्यक्रम में पंखुड़ी की गुहार सुनकर खुद जिलाधिकारी ने त्वरित कार्रवाई का आदेश दिया और अब जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने सरस्वती शिशु मंदिर, पक्कीबाग को पत्र लिखकर पंखुड़ी को कक्षा 7 में दाखिला देने की अपील की है
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, 1 जुलाई को गोरखपुर में आयोजित जनता दर्शन कार्यक्रम में कुमारी पंखुड़ी त्रिपाठी ने अपनी मार्मिक कहानी बयां की। उसने बताया कि परिवार की कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण उसकी पढ़ाई का सपना अधूरा रह सकता है। पंखुड़ी की इस अपील ने न केवल उपस्थित लोगों का ध्यान खींचा, बल्कि जिलाधिकारी कृष्ण करुणेश ने भी तुरंत इस मामले को गंभीरता से लिया। उन्होंने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिया कि पंखुड़ी के दाखिले के लिए त्वरित कदम उठाए जाएं।
गोरखपुर: जनता दरबार में अपनी पढ़ाई की मांग को प्रमुखता से रखने वाली पंखुड़ी त्रिपाठी के पिता से जिला विद्यालय निरीक्षक अमरकांत सिंह ने बात की। उन्होंने बताया है कि स्कूल प्रबंधन से बात हो गई है और सोमवार को पंखुड़ी का एडमिशन हो जाएगा। देखिये डाइनामाइट न्यूज़ के संवाददाता प्रखर… pic.twitter.com/GOVsxbsJRr
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) July 6, 2025
जिला प्रशासन की संवेदनशील पहल
जिलाधिकारी के निर्देश के बाद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रमेन्द्र कुमार सिंह ने 5 जुलाई को सरस्वती शिशु मंदिर, पक्कीबाग के प्रधानाचार्य को पत्र (पत्रांक-/आशु०लि०/) लिखकर पंखुड़ी के दाखिले के लिए अनुरोध किया। पत्र में उन्होंने स्कूल से सहानुभूतिपूर्वक विचार करने और पंखुड़ी को कक्षा 7 में प्रवेश देने की अपील की। इस पत्र की प्रतिलिपि जिलाधिकारी, खण्ड शिक्षा अधिकारी (नगर क्षेत्र) और कार्यालय रिकॉर्ड के लिए भी भेजी गई है।
पंखुड़ी के सपनों को मिलेगी उड़ान?
पंखुड़ी की कहानी उन तमाम बच्चों की प्रेरणा है जो आर्थिक तंगी के बावजूद पढ़ाई के जरिए अपने भविष्य को संवारना चाहते हैं। जिला प्रशासन की इस पहल से न केवल पंखुड़ी के सपनों को पंख मिल सकते हैं, बल्कि यह अन्य स्कूलों और संस्थाओं के लिए भी एक मिसाल बन सकता है। अब सबकी नजरें सरस्वती शिशु मंदिर के फैसले पर टिकी हैं कि क्या वे इस नन्हीं छात्रा को अपने स्कूल में जगह देकर उसका भविष्य उज्ज्वल करेंगे।
क्या कहते हैं लोग?
स्थानीय लोगों में इस खबर को लेकर उत्साह है। एक अभिभावक ने कहा, "जिलाधिकारी और शिक्षा विभाग की यह पहल सराहनीय है। अगर पंखुड़ी को दाखिला मिलता है, तो यह अन्य बच्चों के लिए भी प्रेरणा बनेगा।" वहीं, शिक्षा विभाग के सूत्रों का कहना है कि यह एक सार्थक प्रयास है।