

गोरखपुर की एक अदालत ने सख्त रुख अपनाते हुए शादी का झांसा देकर नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को 7 साल की सजा और जुर्माना की कठोर सजा सुनाई है।
Gorakhpur: समाज को झकझोर देने वाले एक संगीन अपराध में गोरखपुर की अदालत ने सख्त रुख अपनाते हुए आरोपी को कठोर सजा सुनाई है। थाना पीपीगंज क्षेत्र में वर्ष 2017 में पंजीकृत नाबालिग लड़की से शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने के मामले में अभियुक्त अमरीश उर्फ सोनू पुत्र अवधेश, निवासी राजबारी थाना पीपीगंज, को अदालत ने अपराध का दोषी मानते हुए सात वर्ष का कठोर कारावास और आठ हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।
यह फैसला मा0 न्यायालय SPL/ASJ/POCSO-02 जनपद गोरखपुर ने सुनाया। न्यायालय ने साफ किया कि नाबालिग के साथ छल और शोषण किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। अदालत ने अभियुक्त के अपराध को गंभीर मानते हुए उसे कठोर सजा के योग्य पाया।
यह मामला 2017 का है, जब पीड़िता के परिजनों ने थाना पीपीगंज में मुकदमा अपराध संख्या 162/2017 दर्ज कराया था। अभियुक्त के खिलाफ धारा 363, 366 भादवि और 4 पॉक्सो एक्ट के तहत आरोप तय किए गए थे। लंबे समय तक चली सुनवाई और गवाही-बहस के बाद अंततः अभियोजन पक्ष ने आरोपी को सजा दिलाने में सफलता प्राप्त की।
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इस मामले में पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश द्वारा चलाए जा रहे “ऑपरेशन कनविक्शन” अभियान की भी बड़ी भूमिका रही। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गोरखपुर के निर्देशन में थाने के पैरोकार और मॉनिटरिंग सेल की कड़ी निगरानी व लगातार पैरवी के चलते यह मुकदमा त्वरित गति से आगे बढ़ा। विशेष लोक अभियोजक (SPP) श्री राममिलन सिंह की प्रभावी दलीलों और साक्ष्यों की मजबूत प्रस्तुति ने आरोपी को दोषसिद्ध कराने में अहम योगदान दिया।
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वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राज करन नय्यर ने अदालत के इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि पुलिस अपराधियों को कानून के शिकंजे में लाने के लिए लगातार प्रयासरत है। ऑपरेशन कनविक्शन के तहत जनपद में दर्ज पुराने गंभीर मामलों की भी गहन मॉनिटरिंग की जा रही है ताकि पीड़ितों को न्याय और अपराधियों को कठोर दंड सुनिश्चित हो सके।
इस फैसले से जनपद में कानून व्यवस्था पर आमजन का भरोसा और मजबूत हुआ है। साथ ही यह संदेश गया है कि नाबालिगों के शोषण व महिलाओं के सम्मान से खिलवाड़ करने वाले अपराधियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। अदालत का यह फैसला न केवल पीड़िता और उसके परिवार को न्याय दिलाने वाला है बल्कि समाज के लिए भी एक कड़ा सबक है।