

जनपद गोरखपुर में अपराध और चोरी की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत पुलिस को महत्वपूर्ण सफलता मिली है।
गोरखपुर में बाल अपराधी गिरफ्तार
Gorakhpur: जनपद में अपराध और चोरी की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत गीडा पुलिस को महत्वपूर्ण सफलता मिली है।
जानकारी के अनुसार प्रभारी निरीक्षक गीडा के नेतृत्व में उप-निरीक्षक संतोष कुमार सिंह और उनकी टीम ने एक नाबालिग अपराधी को दो चोरी की मोटरसाइकिलों के साथ गिरफ्तार किया है। यह नाबालिग पहले भी कई संगीन अपराधों में संलिप्त पाया गया है, जिससे उसका आपराधिक इतिहास काफी गंभीर है।
डाइनामाइट न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस अधीक्षक (उत्तरी) के मार्गदर्शन और क्षेत्राधिकारी गीडा के पर्यवेक्षण में कार्रवाई करते हुए पुलिस टीम ने नाबालिग को हिरासत में लिया। पूछताछ के दौरान उसके कब्जे से दो चोरी की मोटरसाइकिलें बरामद की गईं।
इस मामले में थाना गीडा में मुकदमा संख्या 471/2025, धारा 317(2), 317(4), और 345(3) बीएनएस के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस के अनुसार, आरोपी नाबालिग का आपराधिक रिकॉर्ड गंभीर है और वह पहले से ही कई मामलों में वांछित था।
आरोपी का आपराधिक इतिहास
नाबालिग के खिलाफ दर्ज मामले निम्नलिखित हैं:
मुकदमा संख्या 471/2025: धारा 317(2), 317(4), 345(3) बीएनएस, थाना गीडा।
मुकदमा संख्या 302/2024: धारा 379 भादंसं, थाना रामगढ़ताल।
मुकदमा संख्या 408/2025: धारा 303(2) बीएनएस, थाना गुलरिहा।
बरामदगी और कार्यवाही
पुलिस ने नाबालिग के कब्जे से दो चोरी की मोटरसाइकिलें बरामद की हैं, जिनके मालिकों की पहचान की जा रही है। पुलिस ने बताया कि यह नाबालिग बेहद शातिर तरीके से वाहन चोरी की वारदातों को अंजाम देता था।
बरामद वाहनों और नाबालिग को विधिक प्रक्रिया के तहत न्यायालय भेजने की तैयारी की जा रही है। पुलिस अन्य संभावित मामलों के खुलासे के लिए नाबालिग से गहन पूछताछ कर रही है।
पुलिस टीम
इस ऑपरेशन में शामिल पुलिसकर्मियों में उप-निरीक्षक संतोष कुमार सिंह, महिला उप-निरीक्षक दीपा यादव, कांस्टेबल पंकज कन्नौजिया, और कांस्टेबल विकास यादव शामिल थे।
गीडा पुलिस की इस सफलता से क्षेत्र में चोरी की घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण की उम्मीद जताई जा रही है। यह कार्रवाई अपराधियों में भय पैदा करने और जनता में सुरक्षा का विश्वास बढ़ाने में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।