

गोरखपुर जनपद के खजनी थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम सभा साहसी निवासी विधवा महिला विद्योत्मा देवी, पत्नी स्व. सुरेश कुमार, की जमीनी लड़ाई आखिरकार रंग लाई। नन्दानगर दरगहिया, कूड़ाघाट में निवास कर रही इस महिला की पुश्तैनी जमीन को कूटरचित दस्तावेजों के माध्यम से हड़पने की साजिश की गई थी।
गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जनपद के खजनी थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम सभा साहसी निवासी विधवा महिला विद्योत्मा देवी, पत्नी स्व. सुरेश कुमार, की जमीनी लड़ाई आखिरकार रंग लाई। नन्दानगर दरगहिया, कूड़ाघाट में निवास कर रही इस महिला की पुश्तैनी जमीन को कूटरचित दस्तावेजों के माध्यम से हड़पने की साजिश की गई थी, लेकिन थानाध्यक्ष खजनी अनूप सिंह व एसएसआई बलराम पांडेय की सजगता ने न्याय की उम्मीद को जीवित रखा।महिला आज ख़जनी पुलिस क्व साथरल कदम भावुक हो छलकते आंसू आशीर्वाद दे गई,
फर्जीवाड़े की चौंकाने वाली साजिश
विद्योत्मा देवी के ससुर बाबूलाल पुत्र बंशी के नाम दर्ज 0.049 हेक्टेयर भूमि को गांव की ही महिला प्रियंका देवी पत्नी सोनू ने षड्यंत्रपूर्वक फर्जी दस्तावेज तैयार कर 17 मई 2023 को अपने नाम बैनामा करा लिया। इस दौरान न केवल फर्जी पैन कार्ड का प्रयोग किया गया, बल्कि एक जाली खाता खोलकर उसमें आंशिक धनराशि भी जमा की गई, जिससे जमीन के सौदे को वैध दिखाया जा सके।
धरती खिसक गई विधवा के पैरों तले
कुछ दिनों बाद जब इस फर्जीवाड़े का पता विद्योत्मा देवी को चला, तो उनके होश उड़ गए। ससुर बाबूलाल भी तब सकते में आ गए जब उन्हें ज्ञात हुआ कि उनकी जमीन को उनकी जानकारी के बिना बेच दिया गया है। चार महीनों तक न्याय की आस लिए विद्योत्मा देवी अपने वृद्ध पिता को लेकर थाना समाधान दिवस से लेकर तहसील के चक्कर काटती रहीं, लेकिन तहसील में बैठे रसूखदारों और आरोपी मुंसी के प्रभाव के चलते कोई मदद नहीं मिली।
पुलिस बनी न्याय की उम्मीद
आखिरकार, मीडिया के माध्यम से जब महिला ने अपनी आवाज उठाई, तो खजनी थानाध्यक्ष अनूप सिंह व एसएसआई बलराम पांडेय ने मामले को गंभीरता से लिया। पुलिस की सक्रियता के चलते जांच शुरू हुई और धीरे-धीरे फर्जीवाड़े की परतें खुलती गईं। आरोपी मुंसी का तहसील में प्रभाव जरूर था, लेकिन कानून के आगे उसकी एक न चली।
चेहरे पर लौटी मुस्कान, कांपते स्वर में बोली महिला
पुलिस की मदद से जब न्याय की किरण दिखाई दी, तो विद्योत्मा देवी का चेहरा वर्षों बाद मुस्कराता नजर आया। मीडिया से बात करते समय वह भावुक होकर कांपने लगीं — उनकी आंखों में राहत और विश्वास साफ झलक रहा था।
सिस्टम के खिलाफ उम्मीद की एक लौ
इस घटना ने एक बार फिर दिखाया कि जब व्यवस्था ठहर जाए, तो भी यदि पुलिस निष्पक्षता से काम करे, तो पीड़ित को न्याय अवश्य मिलता है। खजनी पुलिस की संवेदनशीलता और सख्ती ने विधवा महिला को हक दिलाया और जनता को एक भरोसा भी दिया — कि अन्याय कितना भी मजबूत हो, सच के सामने टिक नहीं सकता।इस घटना से सबक मिलता है कि फर्जीवाड़े के विरुद्ध आवाज उठाना जरूरी है, और प्रशासन में ऐसे अधिकारी भी हैं जो पीड़ितों की सुनते हैं, उनके साथ खड़े होते हैं।