गोंडा-बहराइच हाईवे बना अपराधियों का गढ़, एक हफ्ते में दो महिलाओं को बनाया शिकार

बाराबंकी के गोंडा-बहराइच राष्ट्रीय राजमार्ग पर सफेद पल्सर बाइक सवार लुटेरे लगातार दुस्साहसिक वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। एक सप्ताह के भीतर ई-रिक्शा से सफर कर रही दो महिलाओं से पर्स लूटने की घटनाओं ने क्षेत्र में सनसनी फैला दी है।

बाराबंकी के गोंडा-बहराइच राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) पर अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। एक सप्ताह के भीतर सफेद पल्सर बाइक सवार बदमाशों द्वारा दो बार ई-रिक्शा सवार महिलाओं के साथ पर्स लूट की घटनाओं ने न सिर्फ आमजन को दहशत में डाल दिया है, बल्कि पुलिस को भी खुली चुनौती दे दी है। इन वारदातों से सबसे ज्यादा प्रभावित ई-रिक्शा से सफर करने वाली महिलाएं हैं, जिनमें अब "सफेद पल्सर" का खौफ घर कर गया है।

पहली घटना

पहली घटना 4 सितंबर को हुई। जब सफदरगंज थाना क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय कूड़ी में तैनात प्रधानाध्यापिका सायरा खातून ब्लॉक संसाधन केंद्र बड़ागांव में शिक्षक प्रशिक्षण के बाद शहर लौट रही थीं। ई-रिक्शा से वापस आते समय करसंडा नहर के पास सफेद पल्सर बाइक सवार दो युवकों ने अचानक झपट्टा मारकर उनका पर्स छीन लिया और मौके से फरार हो गए।

पीड़िता के अनुसार पर्स में आईफोन मोबाइल, ₹5000 नगद, आधार कार्ड, पैन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र और विभिन्न बैंकों के एटीएम कार्ड मौजूद थे। उन्होंने आनलाइन शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने ई-एफआईआर दर्ज कर ली है। हालांकि, अभी तक आरोपियों की पहचान या गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।

दूसरी घटना

पुलिस जब तक पहली घटना की जांच में कोई ठोस नतीजे पर पहुंचती, उससे पहले ही गुरुवार की देर शाम बदमाशों ने दूसरी घटना को अंजाम देकर पुलिस को एक बार फिर चुनौती दी। इस बार निशाना बनीं लखनऊ के थाना सहादतगंज, करीमगंज निवासी हीना फातिमा, जो ई-रिक्शा से बाराबंकी की ओर यात्रा कर रही थीं।

हीना फातिमा का पर्स भी सफेद पल्सर सवार दो युवकों ने झपट्टा मारकर छीन लिया। उनके बैग में ₹600 नगद, ओप्पो मोबाइल, आधार कार्ड व अन्य जरूरी कागजात मौजूद थे। यह घटना भी उसी हाइवे पर हुई, जहां पहली वारदात हुई थी।

महिलाओं में दहशत, पुलिस पर सवाल

दोनों घटनाएं दिनदहाड़े व्यस्त हाइवे पर हुईं, जहां पुलिस की गश्त और निगरानी अपेक्षित होती है। इससे यह साफ है कि अपराधी पूरी तैयारी के साथ वारदात को अंजाम दे रहे हैं। लगातार हो रही इन वारदातों से ई-रिक्शा से सफर करने वाली महिलाओं में भय व्याप्त है।

स्थानीय लोगों और पीड़ितों का कहना है कि यदि पुलिस समय रहते सक्रिय होती तो दूसरी घटना को रोका जा सकता था। लेकिन अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या पुलिस गश्त और सुरक्षा व्यवस्था वाकई इतनी कमजोर हो गई है कि अपराधी खुलेआम घटनाएं करके भाग निकलते हैं?

पुलिस का क्या कहना है?

हालांकि पुलिस ने मामले की जांच तेज करने और सीसीटीवी फुटेज खंगालने की बात कही है, लेकिन अभी तक किसी गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं हुई है। लोगों की मांग है कि मुख्य मार्गों पर गश्त बढ़ाई जाए और ऐसे सक्रिय लुटेरों को जल्द गिरफ्तार किया जाए।

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