Ghazipur News: शिक्षक ने की क्रूरता की हदें पार! प्रोनाउन नहीं बताने पर छात्र को दी ये सजा; पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा

यूपी के गाजीपुर जिले से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां एक शिक्षक ने बर्बरता की सभी हदें पार कर दी। पढे़ं डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: सौम्या सिंह
Updated : 12 May 2025, 4:17 PM IST
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गाजीपुर: जिले के एक निजी स्कूल में एक शिक्षक द्वारा कक्षा चार के छात्र को तालीबानी सजा देने का मामला सामने आया है। इस घटना में शिक्षक ने छात्र को केवल प्रोनाउन के बारे में न बताने पर लात-घूसों और डंडे से पीट दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, दुर्खुशी गांव निवासी अशोक सिंह ने बताया कि उनका 10 वर्षीय पुत्र अंश सिंह डंडापुर के एक निजी स्कूल में कक्षा चार का छात्र है। 10 मई को सुबह करीब 9:45 बजे कक्षा में पढ़ाई कर रहा था, तभी शिक्षक जितेंद्र सिंह ने प्रोनाउन और उससे संबंधित शब्दों के बारे में उससे पूछा। जब छात्र अंश इसका सही जवाब नहीं दे पाया, तो शिक्षक ने उसे गालियाँ देते हुए बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया।

शिक्षक ने की क्रूरता की हदें पार

आरोप है कि शिक्षक ने छात्र को डंडे से उसके प्राइवेट पार्ट पर भी पीटा जिससे छात्र घायल हो गया। छात्र की स्थिति इतनी गंभीर थी कि उसके शरीर पर जगह-जगह नीले चकत्ते पड़े हुए थे और खून जम चूका था। छुट्टी के बाद जब अंश घर पहुँचा तो उसने अपनी आपबीती परिजनों को बताई, जिससे परिवार में हड़कंप मच गया।

छात्र के परिवार ने की न्याय की मांग

अंश के दादा राजेंद्र सिंह ने भी आरोप लगाया कि जब वे शिकायत लेकर प्रधानाध्यापक धीरज सिंह के पास पहुंचे, तो उन्होंने उनकी बात सुनने के बजाय उन्हें भगा दिया और धमकी भी दी। राजेंद्र ने कहा, हम सिर्फ न्याय की मांग कर रहे थे, लेकिन हमें वहाँ से भगा दिया गया। हमारी चिंता यह है कि हमारे बच्चे की तबीयत लगातार बिगड़ रही है।

प्रधानाध्यापक के खिलाफ मुकदमा दर्ज

घटना की गंभीरता को देखते हुए, छात्र के पिता अशोक सिंह ने रविवार को शिक्षक जितेंद्र सिंह और प्रधानाध्यापक धीरज सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। थाना प्रभारी तारावती यादव ने बताया कि छात्र के पिता की तहरीर पर दोनों के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जा रही है।

पुलिस इस मामले की गहनता से जांच कर रही है और आरोपियों को जल्द से जल्द कानून के दायरे में लाने की तैयारी कर रही है। स्थानीय निवासियों में इस घटना को लेकर काफी रोष देखने को मिल रहा है और वे इसे शिक्षा व्यवस्था में बर्बरता का एक उदाहरण मान रहे हैं।

यह घटना न केवल शिक्षा के अधिकारों के बारे में सवाल उठाती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि कैसे कुछ शिक्षक शिक्षा की जगह हिंसा का सहारा लेते हैं। आम लोगों ने इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है, ताकि भविष्य में किसी अन्य छात्र को इस तरह की हिंसा का सामना न करना पड़े।

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