

प्रयागराज में गंगा-यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे संगम नोज 500 मीटर पीछे खिसक गया है। घाट जलमग्न हो रहे हैं, नाव संचालन सीमित किया गया है। प्रशासन ने 88 बाढ़ चौकियां बनाई हैं। यहां पढ़ें पूरी खबर
गंगा-यमुना नदी (सोर्स- इंटरनेट)
Prayagraj: उत्तर प्रदेश के जनपद प्रयागराज से एक बड़ी खबर सामने आ रही है जहां महाकुंभ मेले का आयोजन किया गया है, वहां गंगा और यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ना शुरू हो गया है। बता दें कि जलस्तर बढ़ने से संगम नोज अपने स्थान से लगभग 500 मीटर पीछे तक पहुंच गया है। दुकानदार, तीर्थ पुरोहित आदि संगम के तट पर मौजूद रहे हैं वह अब अपना सामान लेकर काफी पीछे आ चुके हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के मुताबिक गंगा का जलस्तर बढ़ने के बावजूद लोग भारी संख्या में वहां पर पहुंच रहे हैं। वहां पर डेंजर लेवल 84.74 मीटर बताया गया है लेकिन गंगा फिलहाल 77 मीटर के स्तर पर पहुंच गई है। वहीं दूसरी तरफ छतनांग में 74 मीटर पर बनी हुई है। वहीं दूसरी तरफ यमुना 75 मीटर के लेवल पर बनी हुई है।
जलस्तर में हो रही है बढ़ोतरी
बता दें कि गंगा और यमुना के आधा दर्जन से अधिक घाट भी जलस्तर से प्रभावित हो रहे हैं। किला घाट, वीआईपी घाट, दारागंज घाट में जलस्तर की बढ़ोतरी हो रही है। वहां पर लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
पुलिस ने दी नाव संचालन को ये निर्देश
वहीं दूसरी तरफ 1500 से ज्यादा नावें भी घाटों के किनारे पर नजर आ रही हैं। वहीं दूसरी तरफ पुलिस ने भी निर्देश दिया है कि जलस्तर बढ़ने से नाव के संचालन में खतरा रहने की संभावना बनी होती है। ऐसे में नाव का संचालन कम से कम करने का प्रयास करें।
जिलाधिकारी ने बताया हालात
प्रयागराज के जिला अधिकारी रविंद्र कुमार मांदड़ ने मामले को लेकर बताया कि जनपद में 88 बाढ़ चौकियां तैयार की गई हैं। इसके साथ ही 47 गांव भी चिह्नित किए गए हैं जहां पर बाढ़ का खतरा अधिक बना रहता है। बताते चलें कि इसके साथ एनडीआरएफ की टीम भी सक्रिय नजर आ रही है।
प्रशासन तैयारियों में जुटी
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बाढ़ के खतरे को ध्यान में रखते हुए प्रशासन द्वारा तैयारी की जा रही है। इससे पहले भी बाढ़ के खतरे को लेकर कई बैठक की गई जहां पर बाढ़ के खतरे से बचने को लेकर जानकारी साझा की गई।