फतेहपुर कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, दुष्कर्म और हत्या के दोषी को सुनाई सजा-ए-मौत

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले की अदालत ने बुधवार को एक बहुचर्चित दुष्कर्म और हत्या मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाया। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 22 May 2025, 8:29 AM IST
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फतेहपुर:  उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले की अदालत ने बुधवार को एक बहुचर्चित दुष्कर्म और हत्या मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाया। ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए मुख्य आरोपी अजय उर्फ शीलू को फांसी की सजा सुनाई है।  यह मामला 30 मई 2022 का है, जब 19 वर्षीय युवती कोचिंग से लौटते समय अगवा कर खैराबाद जंगल में उसके साथ दुष्कर्म कर बेरहमी से हत्या कर दी गई थी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक,   मृतका कानपुर नगर के बौहारा गांव की रहने वाली थी और जहानाबाद कस्बे में कोचिंग पढ़ने आती थी। घटना के दिन तीन युवकों ने उसे रास्ते से उठाकर जंगल में ले जाकर दरिंदगी की। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में युवती के शरीर पर 24 गंभीर चोटों के निशान मिले थे, जिससे साफ हो गया था कि उसे बेरहमी से पीटा गया था। शव खैराबाद के जंगल में बरामद हुआ था।

ADJ (FTC)-1 न्यायालय में इस जघन्य मामले की सुनवाई हुई। अभियोजन पक्ष ने मजबूत पैरवी की और तमाम साक्ष्य और गवाह प्रस्तुत किए। अदालत ने मुख्य आरोपी अजय उर्फ शीलू को दुष्कर्म और हत्या का दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई, जबकि उसके दो साथियों को सात-सात साल की कठोर कैद दी गई।

खून से लथपथ मिला शव

पुलिस ने जंगल से खून से लथपथ लड़की का शव बरामद किया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतका के शरीर पर 24 चोटों के निशान मिले हैं, जो इस जघन्य अपराध की भयावहता को दर्शाता है। लड़की कानपुर शहर के बौहरा गांव से रोजाना कोचिंग पढ़ने जहानाबाद आती थी।

सरकारी अधिवक्ता महेंद्र सिंह ने कहा कि यह फैसला पीड़ित परिवार को न्याय देने वाला है और समाज के लिए एक कड़ा संदेश है कि बेटियों के खिलाफ अपराध करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

इस फैसले से परिजनों के चेहरे पर राहत दिखी, वहीं सामाजिक संगठनों और आमजन ने भी न्यायपालिका के इस साहसिक निर्णय का स्वागत किया है।

कोर्ट ने सुनाया ऐतिहासिक फैसला

इस जघन्य अपराध की सुनवाई न्यायिक मजिस्ट्रेट एडीजे (एफटीसी)-1 की कोर्ट में हुई, जहां तमाम साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर गहन जांच के बाद यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया गया। सरकारी अधिवक्ता महेंद्र सिंह ने बताया कि यह फैसला न सिर्फ पीड़ित परिवार के लिए न्याय की उम्मीद बना है, बल्कि समाज को भी यह कड़ा संदेश देता है कि बेटियों के साथ अपराध करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

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