गोरखपुर में गीडा द्वारा किए जा रहे भूमि अधिग्रहण के विरोध में किसानों का आंदोलन तेज हो गया है। एकला बाजार में आयोजित बैठक में किसानों ने प्रशासन के खिलाफ आक्रोश जताया। कांग्रेस नेताओं ने आंदोलन को समर्थन देते हुए जबरन अधिग्रहण का विरोध किया।

किसानों का आंदोलन
Gorakhpur: गोरखपुर प्राधिकरण (Gida) के खिलाफ भूमि अधिग्रहण के विरोध में किसानों का आंदोलन लगातार तेज होता जा रहा है। इसी क्रम में एकला बाजार में अपनी जमीन बचाने के लिए संघर्ष कर रहे किसानों की एक अहम बैठक आयोजित की गई। जिसकी अध्यक्षता पूर्व सैनिक खेदनलाल यादव ने की। बैठक में बड़ी संख्या में ग्रामीण किसानों ने हिस्सा लिया। सरकार और प्रशासन के प्रति गहरा रोष व्यक्त किया।
बैठक में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष विश्वविजय सिंह ने भी शिरकत की और किसानों के आंदोलन को खुला समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि किसानों की इच्छा के विरुद्ध भूमि अधिग्रहण का कोई भी प्रयास कांग्रेस पार्टी स्वीकार नहीं करेगी। यदि किसानों की सहमति के बिना जमीन लेने की कोशिश की गई तो कांग्रेस सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष करेगी।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि खेती-किसानी ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। किसानों की जमीन छीनना उनके जीवन-यापन के साधन पर सीधा हमला है। उन्होंने आरोप लगाया कि गीडा प्रशासन उद्योगों के नाम पर उपजाऊ कृषि भूमि का अधिग्रहण कर रहा है। किसानों को उचित मुआवजा नहीं दिया जा रहा है।
बैठक को संबोधित पूर्व सैनिक खेदनलाल यादव ने कहा कि किसान देश का अन्नदाता है। जब वही अपने अधिकारों की रक्षा के लिए आंदोलन को मजबूर हो जाए। यह सरकार की विफलता को उजागर करता है। उन्होंने किसानों से एकजुट रहने और शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन को और मजबूत करने की अपील की।
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इस अवसर पर महेंद्र मोहन उर्फ गुड्डू तिवारी, ओमेन्द्र पांडेय, जितेंद्र विश्वकर्मा, ग्राम प्रधान विनोद निषाद, पूर्व प्रधान संजीव पासवान सहित अन्य वक्ताओं ने भी अपने विचार रखे। वक्ताओं ने चेतावनी दी कि यदि गीडा प्रशासन ने जबरन भूमि अधिग्रहण की कोशिश की तो किसान बड़ा आंदोलन छेड़ने को मजबूर होंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार और प्रशासन की होगी।
बैठक में मौजूद ग्रामीणों ने कहा कि वे किसी भी कीमत पर अपनी जमीन नहीं देंगे। किसानों के अधिकारों की रक्षा के लिए गांव-गांव जाकर जनजागरण किया जाएगा और प्रशासन पर संगठित दबाव बनाया जाएगा।