

यूपी के वाराणसी जनपद से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां एक युवक फर्जी सिपाही बनकर मां को स्कॉलरशिप भेजता रहा और उसे सैलरी बताता रहा। 15 दिन तक फर्जी पुलिस बनकर गर्लफ्रेंड को फोटो भेजकर झूठा भरोसा देता रहा रामनगर पुलिस ने शक होने पर किया गिरफ्तार।
युवक बना फर्जी सिपाही, गिरफ्तार
Varanasi: वाराणसी में पुलिस ने एक फर्जी सिपाही को गिरफ्तार किया है, जो बीते 15 दिनों से वर्दी पहनकर शहर में घूम रहा था। पूछताछ में उसने कबूल किया कि वह यह सब अपनी गर्लफ्रेंड को इंप्रेस करने के लिए कर रहा था। आरोपी की पहचान सिद्धार्थ सिंह, निवासी भोजपुर (थाना सकलडीहा, चंदौली) के रूप में हुई है।
पुलिस के अनुसार, आरोपी रामनगर किला मार्ग पर किशोरी बालिका इंटर कॉलेज के पास संदिग्ध अवस्था में घूम रहा था। गश्त कर रही पुलिस टीम को जब उस पर शक हुआ, तो उससे पूछताछ की गई।
पुलिस पूछताछ में सिद्धार्थ ने बताया कि उसने खुद को सिपाही बताकर अपनी महिला मित्र को वर्दी में फोटो भेजे थे। उसका दावा था कि हाल ही में उसकी ट्रेनिंग पूरी हुई है और अब वह उत्तर प्रदेश पुलिस में नियुक्त हो गया है।
वह लंका के नासिरपुर सुसुवाही इलाके में एक किराए के मकान में रह रहा था और अपनी माँ को बताता था कि वह सिपाही की नौकरी कर रहा है। असल में, वह कॉलेज का छात्र था और 10,000 रुपये की स्कॉलरशिप को अपने घर भेजकर वेतन के रूप में दिखा रहा था।
प्रतीकात्मक छवि (फोटो सोर्स-इंटरनेट)
थानाध्यक्ष दुर्गा सिंह ने बताया कि आरोपी ने अर्दली बाजार से पुलिस की यूनिफॉर्म सिलवाई थी और एक फर्जी आईडी कार्ड भी बनवा रखा था। वह पिछले 15 दिनों से खुद को सिपाही बताकर शहर में घूम रहा था और वर्दी का दुरुपयोग कर रहा था।
डीसीपी क्राइम सरवणन टी के अनुसार, उसके खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है और परिजनों से भी पूछताछ की गई है।
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एसीपी कोतवाली प्रज्ञा पाठक ने बताया कि प्रारंभिक जांच में सामने आया कि वह किसी आपराधिक गतिविधि में शामिल नहीं था, लेकिन पुलिस वर्दी का दुरुपयोग करना एक गंभीर अपराध है। इससे न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े होते हैं, बल्कि आम नागरिकों में भी भ्रम की स्थिति पैदा होती है।
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पुलिस अब यह जांच कर रही है कि क्या आरोपी ने इस दौरान किसी नागरिक को डराया, धमकाया या धोखा दिया। उसके मोबाइल की भी जांच की जा रही है ताकि पता लगाया जा सके कि उसने वर्दी का और किस-किस तरह से गलत उपयोग किया।