बांके बिहारी मंदिर से ऊर्जा मंत्री एके शर्मा को भगाया, सेवायतों ने डाल दिया पर्दा, जानें क्यों

शनिवार को एक अजीब घटना बांके बिहारी मंदिर में देखने को मिला। उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा बांके बिहारी मंदिर दर्शन करने पहुंचे, लेकिन उनको वहां से भगा दिया। मजबूरी में एके शर्मा को वापस भागना पड़ा।

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 19 July 2025, 2:54 PM IST
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Mathura News: बांके बिहारी मंदिर में उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा को मंदिर में दर्शन करने से रोका गया। मंत्री जैसे ही मंदिर पहुंचे, वहां पहले से मौजूद महिलाओं ने बांके बिहारी कॉरिडोर के विरोध में नारेबाजी शुरू कर दी। इतना ही नहीं, जब एके शर्मा दर्शन के लिए ठाकुरजी के समक्ष खड़े हुए, सेवायतों ने तुरंत पर्दा डाल दिया, प्रसाद तक नहीं दिया और न ही मंदिर की परंपरा के अनुसार उन्हें पटका पहनाया गया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, मंदिर के सेवायत और गोस्वामी परिवार ने भी खुले तौर पर मंत्री एके शर्मा के मंदिर आगमन का विरोध किया। मंदिर प्रबंधन और सेवायतों का कहना है कि बांके बिहारी कॉरिडोर परियोजना स्थानीय लोगों, व्यापारियों और मंदिर की मूल परंपराओं के विरुद्ध है। गोस्वामी परिवार पहले ही न्यास गठन और कॉरिडोर योजना को लेकर अपनी नाराजगी जता चुका है।

महिलाओं ने जमकर किया विरोध

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, कॉरिडोर के विरोध में महिलाएं मंदिर के बाहर मंत्री को ज्ञापन देने के लिए खड़ी थी। जब उन्होंने नारेबाजी शुरू की तो पुलिस ने उन्हें जबरन हटाने की कोशिश की, जिससे धक्का-मुक्की और बदसलूकी की स्थिति पैदा हो गई। माहौल बिगड़ता देख सुरक्षा कर्मियों ने मंत्री को गेट नंबर 4 से बाहर निकाला।

VIP रोड पर भी पहुंचा विरोध

मंदिर से बाहर निकलने के बाद मंत्री एके शर्मा VIP रोड स्थित जुगल गोस्वामी की गद्दी पर पहुंचे। वहां भी प्रदर्शनकारी महिलाएं पहुंच गई और नारेबाजी जारी रही। कुछ देर बाद मंत्री ने चार महिलाओं को बातचीत के लिए अंदर बुलाया। महिलाओं ने उन्हें अपनी आपत्तियां और समस्याएं विस्तार से बताई।

मंत्री बोले- विकास जनता के हित में, निर्णय सबकी सहमति से होगा

ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा, "बांके बिहारी के दर्शन करना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। कॉरिडोर को लेकर कुछ लोगों ने विरोध जताया, लेकिन सरकार कोई भी विकास कार्य जनता के हित में और सबकी सहमति से ही करती है।" उन्होंने आगे कहा, "आप देख सकते हैं कि मंदिर में किस तरह की भीड़ होती है, किस कदर अफरा-तफरी मचती है। हमारा उद्देश्य दर्शन व्यवस्था को बेहतर बनाना है, किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं। पुराने दुकानदारों, स्थानीय निवासियों और श्रद्धालुओं के हितों को पूरी तरह ध्यान में रखा जाएगा।"

"हम सनातन धर्म के सेवक हैं"

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि वे उसी सरकार का हिस्सा हैं जिसने भगवान श्रीराम, श्रीकृष्ण, काशी विश्वनाथ और मां विंध्यवासिनी के मंदिरों में बड़े कार्य किए हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि "हमारा उद्देश्य किसी को पीड़ा देना नहीं, बल्कि सेवा करना है। हम सबकी आस्था और परंपराओं का सम्मान करते हैं।"

क्यों हो रहा है बांके बिहारी कॉरिडोर का विरोध?

बांके बिहारी मंदिर के आसपास सरकार द्वारा प्रस्तावित कॉरिडोर परियोजना को लेकर स्थानीय नागरिक, दुकानदार और मंदिर के सेवायत काफी समय से विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह परियोजना मंदिर की मूल धार्मिक संरचना, सांस्कृतिक विरासत और रोजी-रोटी पर खतरा है। न्यास गठन को लेकर भी मंदिर के गोस्वामी परिवार में असंतोष है, जिसे लेकर पहले भी विवाद हो चुका है।

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