

इस घोटाले का असर करीब 17,000 से अधिक घर खरीदारों पर पड़ा है। प्रोजेक्ट अधूरे हैं और खरीदारों का पैसा फंसा हुआ है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
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नोएडा: उत्तर प्रदेश के नोएडा में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रियल एस्टेट सेक्टर में एक बड़े घोटाले की जांच के तहत शुक्रवार को जबरदस्त कार्रवाई की है। ईडी की पांच सदस्यीय टीम ने नोएडा के सेक्टर-128 स्थित जेपी इंफ्राटेक के कार्यालय पर छापा मारा। यह कार्रवाई हजारों होम बायर्स को सबवेंशन स्कीम के नाम पर कथित रूप से ठगने के आरोप में की गई है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, ईडी की टीम ने शुक्रवार को जेपी इंफ्राटेक के मुख्यालय (सेक्टर-127) पर पहुंचकर दस्तावेजों और बैंक खातों की बारीकी से जांच शुरू कर दी। अधिकारियों ने कंपनी के वित्तीय लेन-देन, सबवेंशन स्कीम के तहत हुए वादों और खरीदारों से लिए गए पैसे के उपयोग की जांच की गई। सबवेंशन स्कीम के तहत बिल्डरों ने खरीदारों से यह वादा किया था कि उन्हें बिना ईएमआई चुकाए मकान दिए जाएंगे। लेकिन प्रोजेक्ट समय से पूरे नहीं हुए और आज भी हजारों खरीदार घर मिलने की उम्मीद में भटक रहे हैं।
17 हजार से अधिक खरीदार प्रभावित
इस घोटाले का असर करीब 17,000 से अधिक घर खरीदारों पर पड़ा है। प्रोजेक्ट अधूरे हैं और खरीदारों का पैसा फंसा हुआ है। फिलहाल सन फार्मा से जुड़ा सुरक्षा ग्रुप जेपी के अधूरे प्रोजेक्ट को पूरा करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन निर्माण कार्य बेहद धीमी गति से चल रहा है।
प्रदर्शन पर रोक, खरीदारों की आवाज दब रही
प्रभावित खरीदारों की नाराजगी तब और बढ़ गई, जब प्रोजेक्ट साइट के 100 मीटर के दायरे में किसी भी प्रकार के प्रदर्शन पर रोक लगा दी गई। इससे उनकी आवाज को दबाने की कोशिश के आरोप भी लग रहे हैं।
15 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी
ईडी ने शुक्रवार को नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेसवे, दिल्ली और मुंबई सहित कुल 15 ठिकानों पर छापेमारी की है। यह छापेमारी लगभग 12,000 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग और धोखाधड़ी के मामले में की जा रही है। जांच में जिन कंपनियों के नाम सामने आए हैं। उनमें जेपी एसोसिएट्स लिमिटेड, जेपी इंफ्राटेक, गौरसंस, गुलशन, महागुन और सुरक्षा रियलिटी शामिल हैं।
फंड डायवर्जन की आशंका
ईडी को संदेह है कि बिल्डरों ने बायर्स और निवेशकों से लिए गए फंड्स को अन्य परियोजनाओं में डायवर्ट किया और मनी लॉन्ड्रिंग की गई। जांच एजेंसी ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे अथॉरिटी से संबंधित परियोजनाओं की फाइलें भी तलब की हैं।
26 बिल्डरों की सूची तैयार, अन्य पर भी शिकंजा संभव
ईडी ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी से कुल 26 बिल्डरों की जानकारी मांगी है। जिनमें 9 बिल्डर पहले से जांच के दायरे में हैं। एजेंसी इन सभी बिल्डरों के खिलाफ भी छापेमारी कर सकती है।
प्रमुख प्रोजेक्ट्स की जांच
ईडी ने जिन परियोजनाओं की फाइलों को जब्त किया है। उनमें ऑर्चर्ड्स, कासा इसलेस, केंसिंगटोन बुलेवार्ड, केंसिंगटोन पार्क, क्रेससेंट होम्स, कोसमोस और क्लासिक जैसे बड़े प्रोजेक्ट शामिल हैं। इन प्रोजेक्ट्स में रजिस्ट्री, बैंक एग्रीमेंट, को-डेवलपर्स की जानकारी और लोन संबंधी दस्तावेजों की गहन जांच की जा रही है।