

देवरिया के अमृत मानसरोवर योजना में धन के बंदरबांट का मामला सामने आया है। डाइनामाइट न्यूज़ पर पढ़ें ये खास रिपोर्ट
जर्जर हालत में पड़ा तालाब
देवरिया: उत्तर प्रदेश के देवरिया जनपद के सदर ब्लॉक अंतर्गत ग्राम सभा जंगल ठकुरही में अमृत सरोवर योजना के तहत आवंटित धन के दुरुपयोग का सनसनीखेज मामला सामने आया है। रविवार सुबह डायनामाइट न्यूज़ की टीम जब इस गांव में पड़ताल के लिए पहुंची, तो स्थानीय राम जानकी मंदिर के पुजारी रविंद्र मिश्रा ने तालाब की बदहाल स्थिति और सरकारी धन के गबन की पूरी कहानी बयां की।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, मंदिर के पुजारी ने बताया की ग्राम सभा के स्वामित्व वाला 18 बीघा का यह सार्वजनिक तालाब राम जानकी मंदिर परिसर में स्थित है। साथ ही इसपर मंदिर के पुजारी का भी संरक्षण रहता है। भीषण गर्मी के कारण तालाब पूरी तरह सूख गया है और बचे हुए थोड़े से पानी में जलजीव मछलियां जीवन और मृत्यु से जूझ रही हैं। हर दिन 10-15 किलो सड़ी-गली मछलियां निकालकर फेंकी जा रही हैं।
देवरिया: अमृत मान सरोवर योजना के तहत आए धन में गड़बड़ी
➡️ योजना की राशि हड़पने का आरोप अधिकारियों पर
➡️ काम अधूरा, सरोवर की स्थिति जर्जर
➡️ भ्रष्टाचार के खिलाफ उठ रही जांच की मांग
➡️ ग्रामीणों ने शासन से की सख्त कार्रवाई की अपील@UPGovt @dmdeoria #Deoria #UttarPradesh… pic.twitter.com/K9xUyvg0vC— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) June 22, 2025
ग्रामीणों ने मत्स्य पालन विभाग को इसकी सूचना दी, लेकिन मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने केवल जलकुंभी हटाने का प्रस्ताव देकर मामले को टाल दिया। ग्राम सभा के प्रतिनिधियों और उच्च अधिकारियों ने इस गंभीर समस्या पर ध्यान नहीं दिया, जिससे राजस्व को भारी नुकसान हो रहा है। तालाब में जलकुंभी और घास-फूस जमा होने से मछलियों की मौत का सिलसिला जारी है।
ग्रामीणों ने डाइनामाइट न्यूज़ से बातचीत में बताया कि यह 18 बीघा का विशाल तालाब राम जानकी मंदिर के परिसर में स्थित है और इसका संरक्षण मंदिर और ग्राम सभा के जिम्मे है। यह तालाब ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व का है, क्योंकि किसी जमाने में यहां पौहारी महाराज ने सिद्धि प्राप्त की थी। गर्मी की तपन में तालाब लगभग सूख चुका है और जो थोड़ा पानी बचा है, उसमें जलकुंभी और घास-फूस जमा होने से मछलियां और अन्य जलजीव जीवन और मृत्यु के बीच जूझ रहे हैं। ग्रामीणों के अनुसार, हर दिन 10 से 15 किलो मछलियां मर रही हैं, जिन्हें सड़ने के कारण तालाब से निकालकर फेंकना पड़ रहा है।
तालाब की सफाई करते ग्रामीण
सुंदरीकरण के लिए धन का हुआ था आवंटन
ग्रामीणों ने बताया कि इस तालाब को अमृत सरोवर योजना के तहत चिन्हित किया गया था, जिसके सुंदरीकरण और रखरखाव के लिए सरकार द्वारा भारी धनराशि आवंटित की गई थी। वर्तमान भाजपा विधायक सलभ मणि त्रिपाठी ने भी मंदिर परिसर में भूमि पूजन कर तालाब को देवरिया सदर ब्लॉक का एक रमणीय स्थल बनाने का वादा किया था। उन्होंने कहा था कि यह तालाब पूजा-पाठ, छठ पूजा और पर्यटन के लिए एक आदर्श स्थान बनेगा, जिससे क्षेत्र का नाम रोशन होगा। कहा गया था कि यह मंदिर और पोखरी देवरिया ब्लाक के मानचित्र पर स्वर्णिक रूप में देखा जाएगा, लेकिन उनके वादों के विपरीत, आज तक तालाब के सुंदरीकरण के लिए एक भी ईंट नहीं लगाई गई। ग्रामीणों का आरोप है कि योजना के लिए आवंटित धन को अधिकारियों और संबंधित लोगों ने हजम कर लिया है।
डीएम कार्यालय का करेंगे घेराव
स्थानीय निवासी राजीव खरवार, गुरदेव सिंह, नवनीत मिश्रा और अन्य ग्रामीणों ने बताया कि वे अपने निजी खर्चे और शारीरिक श्रम से तालाब की सफाई कर रहे हैं। लेकिन सरकारी धन के दुरुपयोग ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि अगर तालाब का विकास कार्य जल्द शुरू नहीं हुआ, तो वे जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव करने को मजबूर होंगे।
राम जानकी मंदिर और तालाब का ऐतिहासिक महत्व देखते हुए यह मामला न केवल स्थानीय स्तर पर, बल्कि प्रशासनिक और राजनीतिक स्तर पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है। ग्रामीणों की मांग है कि तालाब के सुंदरीकरण के लिए आवंटित धन की जांच हो और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।