उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने कानपुर में बड़ी कार्रवाई की है। नेपाल से लेकर बिहार तक फैले नशे के नेटवर्क को नष्ट किया। एसटीएफ ने 13.2 किलो चरस के साथ एक तस्कर को गिरफ्तार किया। जिसकी अंतरराष्ट्रीय कीमत करीब 65 लाख रुपये है।

गिरफ्तार आरोपी
Kanpur: अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी के खिलाफ उत्तर प्रदेश एसटीएफ को बड़ी कामयाबी मिली है। क्रिसमस के दिन कानपुर में एसटीएफ ने ऐसा वार किया। जिससे नेपाल से लेकर बिहार तक फैले नशे के नेटवर्क में हड़कंप मच गया। एसटीएफ ने 13 किलो से ज्यादा चरस के साथ एक शातिर तस्कर को दबोच लिया। जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब 65 लाख रुपये आंकी गई है। यह कार्रवाई नशे के उस नेटवर्क की परतें खोलती है, जो भारत-नेपाल सीमा से प्रदेश के कई जिलों तक फैला हुआ था।
एसटीएफ उत्तर प्रदेश को काफी समय से इनपुट मिल रहा था कि नेपाल सीमा से अवैध मादक पदार्थों की तस्करी हो रही है और इसे अलग-अलग जिलों में सप्लाई किया जा रहा है। सूचना के आधार पर एसटीएफ की फील्ड यूनिट ने निगरानी शुरू की और कानपुर को संभावित डिलीवरी पॉइंट के तौर पर चिन्हित किया गया। 25 दिसंबर को एसटीएफ टीम ने इटावा-कानपुर हाईवे पर प्रिया हॉस्पिटल के पास अंडरपास के नजदीक जाल बिछाया।
करीब शाम पांच बजे एसटीएफ ने एक व्यक्ति को रोका। जिसकी तलाशी लेने पर 13.200 किलोग्राम अवैध चरस बरामद हुई। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत करीब 65 लाख रुपये बताई जा रही है। इसके अलावा आरोपी के पास से 1700 रुपये नकद भी मिले। मौके पर ही उसे हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की गई।
गिरफ्तार आरोपी ने पूछताछ में बताया कि वह नेपाल में खेती का काम करता था। वहीं से चरस सप्लाई के नेटवर्क से जुड़ा। काठमांडू निवासी एक व्यक्ति चरस तैयार करता था। बिहार के मुन्ना रक्सौल के जरिए इसकी सप्लाई कराई जाती थी। कानपुर और आसपास के इलाकों में चरस पहुंचाने के लिए उसे जिम्मेदारी दी गई थी। डिलीवरी के बदले उसे खर्च और अलग से पैसे दिए जाते थे।
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एसटीएफ के अधिकारियों ने बताया कि आरोपी के खिलाफ थाना NDPS एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है। इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की तलाश की जा रही है।