

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि 7 नवंबर से 16 नवंबर 2025 तक वह दिल्ली से वृंदावन तक पदयात्रा निकालेंगे। यह यात्रा हिंदू राष्ट्र की मांग और सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से की जाएगी।
धीरेंद्र शास्त्री
Vrindavan News: बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश्वर और प्रख्यात धर्मगुरु पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री रविवार को अचानक वृंदावन पहुंचे। धार्मिक नगरी में उन्होंने प्राचीन श्री राधा रमण मंदिर में आयोजित अमृत सेवा महोत्सव में भाग लिया और ठाकुर श्री राधा रमण लाल के दर्शन कर पुण्य लाभ अर्जित किया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, धीरेंद्र शास्त्री का स्वागत मंदिर के सेवायत आचार्य पुंडरीक गोस्वामी ने किया। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने को "ठाकुरजी" का छप्पन भोग प्रसाद भेंट किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे, जिन्होंने शास्त्री जी के दर्शन कर उनका अभिवादन किया।
हिंदू राष्ट्र के समर्थन में पदयात्रा का ऐलान
मीडिया से बातचीत में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि 7 नवंबर से 16 नवंबर 2025 तक वह दिल्ली से वृंदावन तक पदयात्रा निकालेंगे। यह यात्रा हिंदू राष्ट्र की मांग और सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से की जाएगी। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बताया कि इस पदयात्रा की तैयारियां जोरों पर हैं। देशभर से साधु-संतों और धर्मप्रेमियों से इसमें शामिल होने का आग्रह किया गया है।
ब्रज में मांस-मदिरा पर प्रतिबंध की मांग
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने ब्रज मंडल की पवित्रता की बात करते हुए कहा कि ब्रज क्षेत्र में मांस और मदिरा की बिक्री पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि यह भूमि भगवान श्रीकृष्ण की लीलाभूमि है। यहां केवल सात्विकता और भक्ति की ऊर्जा प्रवाहित होनी चाहिए।
कांवड़ यात्रा को लेकर अपील
सावन मास में चल रही कांवड़ यात्रा को लेकर भी शास्त्री ने श्रद्धालुओं से संयम और शांति बनाए रखने की अपील की। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा, "कांवड़िया सावधान रहें, सुरक्षित रहें। यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार का उपद्रव या हिंसा न करें। कोई ऐसा कार्य न हो जिससे सनातन धर्म की छवि को ठेस पहुंचे।"
श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर भव्य मंदिर की कामना
अंत में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण की कामना की और कहा कि वह भगवान श्रीकृष्ण से प्रार्थना करते हैं कि जल्द ही इस पवित्र स्थल पर एक दिव्य और भव्य मंदिर का निर्माण हो।