Deoria News: आईएएस/पीसीएस बनने का सपना साकार करने में जुटे युवाओं को मिला प्रशासनिक अधिकारियों का मार्गदर्शन

जिलाधिकारी दिव्या मित्तल की पहल पर आयोजित इस सत्र का आयोजन मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के तहत किया गया। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 20 April 2025, 2:35 PM IST
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देवरिया: रविवार को राजकीय आईटीआई में विशेष मार्गदर्शन सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें जिले के प्रशासनिक अधिकारियों ने सिविल सेवा की तैयारी कर रहे छात्र-छात्राओं को सफलता के मंत्र बताए। जिलाधिकारी दिव्या मित्तल की पहल पर आयोजित इस सत्र का आयोजन मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के तहत किया गया।

कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, सत्र में जिलाधिकारी ने छात्र-छात्राओं से कहा कि कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है। निरंतर मेहनत, अनुशासन, लगन और अभ्यास से कोई भी मंजिल हासिल की जा सकती है। उन्होंने छात्र-छात्राओं को सलाह दी कि वे परीक्षा के पैटर्न और पाठ्यक्रम की पूरी जानकारी रखें और जिस विषय में गहरी रुचि हो, उसे ही वैकल्पिक विषय के रूप में चुनें। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि छोटे शहरों में रहते हुए भी आज इंटरनेट के माध्यम से बेहतरीन तैयारी संभव है।

समाचार पत्र पढ़ने की सलाह

सी-सैट की तैयारी के संबंध में उन्होंने आसान विषयों से शुरुआत करने और प्रश्नों को ध्यान से पढ़ने की आदत डालने का सुझाव दिया। साथ ही नियमित रूप से समाचार पत्र पढ़ने की सलाह दी, जिससे विश्लेषणात्मक सोच विकसित होती है। चिंता से संबंधित एक छात्र के सवाल पर जिलाधिकारी ने योग, आत्मविश्वास और सकारात्मक संगति को इसका समाधान बताया। मुख्य विकास अधिकारी प्रत्यूष पांडेय (आईएएस) ने कहा कि हर छात्र की सोचने और समझने की गति अलग-अलग होती है, इसलिए अपनी रणनीति खुद बनाएं। सकारात्मक सोच और अनुशासित मेहनत से ही सफलता मिलती है।

सिविल सेवा में क्यों जाना है

ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/एसडीएम सदर श्रुति शर्मा (आईएएस) ने अपनी यात्रा साझा करते हुए कहा कि तैयारी के दौरान प्रेरणादायी माहौल बनाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि सिविल सेवा में क्यों जाना है, इसका उत्तर स्पष्ट होना चाहिए, क्योंकि यही प्रश्न तैयारी की दिशा तय करता है। एडीएम जैनेंद्र सिंह, एसडीएम सलेमपुर दिशा श्रीवास्तव, बरहज के विपिन द्विवेदी, रुद्रपुर के हरिशंकर लाल, एएसडीएम धीरेंद्र यादव समेत अन्य अधिकारियों ने भी अपने अनुभव साझा किए और छात्रों को परीक्षा की रणनीति, पाठ्यक्रम, उत्तर लेखन, मॉक टेस्ट और समय प्रबंधन से जुड़े महत्वपूर्ण सुझाव दिए। इस मार्गदर्शन सत्र ने प्रतिभागी युवाओं को न सिर्फ प्रेरित किया, बल्कि उन्हें सही दिशा में आगे बढ़ने की ताकत भी दी।

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